CG: यूक्रेन में फंसे छत्तीसगढ़ के कई छात्र, फ्लाइट की टिकट का खर्च उठाना मुश्किल, परिजन परेशान, राज्य सरकार से मदद की अपील

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कई छात्र यूक्रेन में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। युद्ध के खतरे के बीच छात्र घर लौटने के लिए परेशान हैं। बढ़ते संकट के बीच फ्लाइट की टिकट काफी महंगी हो गई है। जिसका खर्च उठाना छात्रों के लिए मुश्किल हो गया है।
इधर भारतीय दूतावास ने एडवायजरी जारी कर यूक्रेन में लगातार बढ़ रहे तनाव और अस्थिरता को देखते हुए जिनका यूक्रेन में रुकना जरूरी नहीं है, उन्हें और सभी भारतीय छात्रों को अस्थाई रूप से यूक्रेन छोड़ देना चाहिए। छात्रों को आपस में संपर्क बनाए रखने को कहा गया है।
अभी हाल ही में बिलासपुर के कुदुदंड के रहने वाले छात्र ऋषभ शुक्ला छत्तीसगढ़ वापस लौटे है। वे यूक्रेन के कीव में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। उसने बताया कि पहले ही टिकट बुक करा लिया था। युद्ध के हालात को देखते हुए भारतीय दूतावास के एडवाजरी जारी करते ही उनके पैरेंट्स अलर्ट हो गए और फ्लाइट का टिकट करा लिया। वह 32 हजार रुपए में फ्लाइट की टिकट लिया था। लेकिन, अब स्थिति ज्यादा खराब हो गई है। स्टूडेंट्स को फ्लाइट की टिकट ही नहीं मिल रही है। जिन फ्लाइट्स की टिकट मिल रही है। वह काफी महंगी है। स्थिति यह है कि फ्लाइट की टिकट 50-60 हजार तक पहुंच गई है। ऐसे में स्टूडेंट के लिए टिकट का खर्चा उठाना मुश्किल हो रहा है।
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परिवार राज्य सरकार से मांग रहे मदद
राज्य शासन को प्रदेश के बच्चों को वापस लाने के लिए प्रयास करना चाहिए। सरकार को मदद करना चाहिए। परिजनों का कहना है कि सरकार रियायत दर पर फ्लाइट की सुविधा मुहैया कराए। ताकि बच्चे सुरक्षित लौट सके। जिस तरह से कोरोना काल के दौरान कलेक्टर कार्यालय के जरिए बच्चों की जानकारी जुटाई गई थी। उसी तरह से सरकार को अब भी कोशिश करना चाहिए। यूक्रेन में फंसे बच्चों के पैरेंट्स परेशान हैं। लेकिन, अभी तक शासन की ओर से कोई जानकारी नहीं ली गई है और न ही हेल्प सेंटर बनाया गया है।