StateNewsदेश - विदेश

लद्दाख हिंसा पर केंद्र सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया, वांगचुक पर भड़काने का आरोप

लेह। लद्दाख में बुधवार को हुई हिंसा पर केंद्र सरकार ने सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है। गृह मंत्रालय ने बयान में कहा कि वांगचुक ने भड़काऊ बयानों से लोगों को उकसाया। मंत्रालय ने यह भी कहा कि हिंसा के बीच वांगचुक ने अपना उपवास तोड़ा और एम्बुलेंस से अपने गांव चले गए, जबकि हालात काबू में लाने के प्रयास नहीं किए।

मंत्रालय ने बताया कि कई नेताओं ने वांगचुक से भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की, लेकिन उन्होंने हड़ताल जारी रखी। उन्होंने अरब स्प्रिंग और नेपाल में जेन-जी विरोध प्रदर्शनों का हवाला देकर लोगों को भड़काया। वांगचुक 10 सितंबर से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर थे।

बुधवार को छात्रों और स्थानीय लोगों ने केंद्र के खिलाफ बंद बुलाया, जिसके दौरान हिंसा हुई। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय और CRPF की गाड़ियों में आग लगाई। झड़प में 4 लोगों की मौत हुई और 80 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें लगभग 30 सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं। लेह में कल से कर्फ्यू लागू है।

लद्दाख में 36 साल बाद इतनी गंभीर हिंसा हुई है। इससे पहले 27 अगस्त 1989 को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने की मांग के दौरान विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था।

प्रशासन ने शांति बहाल करने के लिए लेह और आस-पास के इलाकों में ITBP, पुलिस और CRPF के जवान तैनात किए हैं। सभी मुख्य सड़कें सील की गई हैं।

केंद्र सरकार ने हिंसा के पीछे विदेशी कनेक्शन की आशंका भी जताई है। सोनम वांगचुक की फरवरी में पाकिस्तान यात्रा और वहां के वीडियो को खुफिया एजेंसियां जांच रही हैं।

वहीं वांगचुक ने कहा कि यह लद्दाख और उनके लिए सबसे दुखद दिन है। उन्होंने शांति का संदेश फैलाने का प्रयास किया, लेकिन हिंसा के कारण उनका मकसद विफल हुआ। उन्होंने कहा कि युवाओं की मौत भूख हड़ताल का उद्देश्य पूरा नहीं करती और उन्होंने अपना अनशन तुरंत खत्म किया।

Related Articles

Back to top button