छत्तीसगढ़राजनांदगांव

घुघवा सोसायटी में फर्जी हस्ताक्षर कर धान बेचने का मामला, जानिए किसान ने क्या कहा


गोवर्धन सिन्हा@राजनांदगांव। जिले के डोंगरगांव के समीपस्थ घुघवा सोसायटी में फर्जी तरीके से धान व्यापारी द्वारा धान बेचने का मामला सामने आया है। जिसमे ग्राम मनेरी निवासी कृषक बरातू साहू ने आरोप लगाया है कि सोसायटी में उसका भाई फर्जी हस्ताक्षर करके फुल लिमिट में धान बेचा है। जबकि अभी धान का कटाई होना बाकी है, कृषक बरातूराम आ. तेजराम साहू, ग्राम- मनेरी, पो. माथलडबरी, थाना व तह. – डोंगरगांव, जिला – राजनांदगांव का है, जो कि पटवारी हल्का नं. 17 राजस्व निरीक्षक आरी के अंतर्गत ग्राम – घुघवा सोसायटी में शामिल है,

कृषक का कहना है कि 28 नवंबर को गैंद बाई के ऋण पुस्तिका से 49 क्विंटल 20 किलो धान बेचा गया है। उनकी माँ गैंद बाई के पास खसरा नं. 169 रकबा 1.75 का धान खड़ा फसल है। वर्तमान में धान कटाई नहीं हुआ है और गैंद बाई पति तेजराम साहू के दो पुत्र है जिनको अपनी स्वेच्छा से दिनांक 19 जून को बटवारा दे दिया गया है। गैंदबाई के पास कुल जमीन 3 एकड़ 29 डिसमिल है स्वयं गैंदबाई 1 एकड़ 60 डिसमिल में धान बुआई किये है। तो इस स्थिति में उनके पर्चे पर फुल लिमिट में धान कैसे बिका साथ ही सोसायटी के रजिस्टर में गैंद बाई का हस्ताक्षर होने के बजाय पालक दास साहू धान व्यापारी का हस्ताक्षर होना पाया गया है। जिसमे शेष धान हिमांशु किराना व्यापारी प्रो. पालक दास साहू के धान बेचा गया है खसरा नं. का धान कटाई नहीं हुआ है उक्त जमीन का पूरा धान बेच दिया गया है गैंद बाई की अनुपस्थिति में सोसायटी प्रबंधक एवं व्यापारी के साथ मिलकर फर्जी हस्ताक्षर कर धान बेचा गया है, जबकि उसके पास जमीन के आधार पर उतना धान उपलब्ध नहीं है।

कृषक ने की कलेक्टर से शिकायत, होगी जांच व कार्यवाही
कृषक उक्त मामला को लेकर कलेक्टर के पास शिकायत की. जिसकी जांच के लिए ग्राम मनेरी हल्का पटवारी, तहसीलदार, एसडीएम एवं जिला खाद्य अधिकारी मौके पर जाकर देखा मनेरी निवासी अन्य कृषक के मौजूदगी में धान फसल खड़ा होना पाया गया। जांच रिपोर्ट बनाकर संबंधित दोषी पर कार्यवाही होने की बात कही गई।

पारिवारिक मामला है, वारिसान हस्ताक्षर कर सकता है – सोसायटी प्रबंधक
इस पर सोसायटी प्रबंधक सुरेंद्र यादव का कहना है कि यह मामला पारिवारिक है जिसके संबंध में मुझे कोई भी जानकारी नही है रही बात हस्ताक्षर की तो कृषक गैंद बाई का बेटा (वारिस) है । टोकन गैंद बाई के नाम से जारी हुआ था उसका लड़का पर्चा लेकर धान बेचने आया था। वारिस होने के नाते वह धान बेचा एवं हस्ताक्षर किया, इसमे मैं कुछ नहीं कह सकता।

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