Mungeli: कागजों में नाली निर्माण, आरोपी नपा अध्यक्ष समेत तत्कालीन लिपिक सियाराम साहू और ठेकेदार की अग्रिम जमानत खारिज, 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

गुड्डू यादव@मुंगेली। (Mungeli) सिटी कोतवाली ने नगर पालिका अध्यक्ष समेत 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। यह कार्यवाही कागज में नाली निर्माण के बाद भुगतान मामले में किया गया। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। विवेचना के दौरान आरोपियों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 120(B), 409, 467,468 और 471 जोड़ा गया।
कलेक्टर से की गई थी शिकायत
नाली निर्माण में धांधली और भष्ट्राचार के आरोप में जनप्रतिनिधियों ने मंगेली कलेक्टर से शिकायत की थी. (Mungeli) इस मामले में शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर ने एसडीएम को जांच का जिम्मा सौपा था। एसडीएम ने सूक्ष्मता से मामले की जांच की। जांच के बाद रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपा। जांच रिपोर्ट में नाली निर्माण के बिना राशि आहरित किये जाने की पुष्टि हुई। जिसमें भष्ट्राचार उजागर हुआ।
कलेक्टर ने सीएमओ को दिया लिखित आदेश
(Mungeli) कलेक्टर ने इस मामले में 20 जुलाई को सीएमओ को लिखित आदेश दिया। इस आदेश में भ्रष्टाचार में संलिप्त नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर तत्कालीन सीएमओ विकास पाटले, जोयस तिग्गा, सियाराम साहू, आंनद निषाद, सोफिया कंट्रक्शन के प्रोपाइटर ठेकेदार सहित 6 लोगों के खिलाफथाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज करने को कहा गया। कलेक्टर के इस आदेश को नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर ने आर्टिकल 226 के तहत हाईकोर्ट में चुनौती दी। इस य़ाचिका पर हाईकोर्ट ने 2 अगस्त को सुनवाई की। उच्च न्यायालय ने संतुलाल सोनकर की याचिका खारिज कर दी।
वकील के माध्यम से सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत का लगाया आवेदन
मामले के आरोपी संतुलाल सोनकर, सियाराम साहू और सोफिया कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार वसीम खान ने मुंगेली जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत आवेदन अधिवक्ता के माध्यम किया गया। अग्रिम जमानत पर 7 अगस्त को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में लंबी बहस हुई।
बहस सुनने के उपरांत अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने अग्रिम जमानत पर फैसला आगामी तिथि के लिए सुरक्षित रखा था,। नाली भष्ट्राचार पर फैसला देते हुए सत्र न्यायालय ने आज अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रबोध टोप्पो ने मामले के आरोपी नपा अध्यक्ष संतुलाल सोनकर, तत्कालीन लिपिक सियाराम साहू और सोफिया कंस्ट्रक्शन के संचालक ठेकेदार वसीम खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। मामलें में अतिरिक्त लोक अभियोजक स्वतंत्र तिवारी ने शासन की ओर से पैरवी की।
न्यायालय का निर्णय
मामले में जिला एवं अपर सत्र न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि अभियुक्तगणों के विरुद्ध धारा 420, 120 (B), 409, 467, 468, 471 IPC के अंतर्गत सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर लगभग 300 मीटर नाली निर्माण में वित्तीय अनियमितता कूटरचित दस्तावेज तैयार कर 13 लाख 21 हजार 8 सौ 18 रुपये का शासकीय रकम अध्यक्ष एवं अन्य के जिम्मेदार पद में पदस्थ होते हुए भी उक्त रकम गबन कर धोखाधड़ी करने का आरोप हैं। जो कि एक गंभीर प्रकृति का अपराध हैं। मामला विवेचना स्तर पर है। न्यायालय ने यह माना कि यदि अभियुक्तगणों को जमानत का लाभ दिया जाता हैं तो वे प्रार्थी एवं साक्षियों को प्रभावित कर सकते हैं।
अतः प्रकरण के समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए अभियुक्तगणों की प्रथम अग्रिम जमानत खारिज की गई।