Devbhog: ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने खोला देव माता श्री हॉस्पिटल के खिलाफ मोर्चा, बिंदुओं पर आरोप लगाकर एसडीएम को जाँच के लिए सौंपा ज्ञापन

देवभोग @ रविकांत तिवारी देवभोग (Devbhog) ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेंद्र मांझी ने देव माता श्री हॉस्पिटल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भूपेंद्र ने आठ बिंदुओं पर आरोप लगाकर जाँच के लिए एसडीएम टीका राम देवांगन को ज्ञापन सौंपा है।

ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेंद्र मांझी ने देव माता श्री हॉस्पिटल के खिलाफ एसडीएम को सौंपे गए ज्ञापन में जिक्र किया है कि देवभोग नगर में विगत 6-7 वर्षों से डी बेनर्जी द्वारा देवमाता श्री हॉस्पिटल के नाम पर नर्सिंग होम चलाया जा रहा है,भूपेंद्र के मुताबिक शुरू के कुछ समय नर्सिंग होम को नियमानुसार चलाया गया, लेकिन अब व्यवसायिक उद्देश्य से नियम कानून को ताक पर रखकर संचालन किया जा रहा है.।

आठ बिंदुओं पर लगाया आरोप - एसडीएम को सौंपे गए ज्ञापन में ब्लॉक अध्यक्ष ने आठ बिंदुओं पर आरोप लगाया है.. भूपेंद्र ने पहले बिंदु पर जहाँ आरोप लगाया है कि अस्पताल का पंजीयन अवधि खत्म हो चुका है, इसके बाद भी नियम कायदों को ताक पर रखकर संचालन किया जा रहा है, दूसरे बिंदु के आरोप के मुताबिक अस्पताल में एक मात्र चिकित्सक(एमबीबीएस) डॉक्टर संजय चौधरी की नियुक्ति की गई है लेकिन सारा जाँच डॉक्टर बेनर्जी के द्वारा किया जाता है.तीसरे आरोप में उन्होंने जिक्र किया है कि बगैर विशेषयज्ञ चिकित्सक के प्रसव, एपेनडिस्क,हर्निया, स्टूला,हाईड्रोसील,ट्यूमर एवं पाइल्स जैसे हाई रिस्क लेप्रोस्कोपिक सर्जरी किया जा रहा है,इतना ही नहीं बगैर एक्सपर्ट सर्जन के इसे करने की अनुमति दिया जा रहा है,इसकी जाँच की मांग भी ब्लॉक अध्यक्ष ने एसडीएम से किया है..वहीं चौथे बिंदु के आरोप के मुताबिक पैथोलॉजी लैब के लिए डॉक्टर या पैथोलॉजीस्ट की आवश्यकता होती है, पर इस अस्पताल के कम पढ़े लिखे लोग इसे करके रिपोर्ट दे रहे है..वहीं पाँचवे बिंदु के आरोप के मुताबिक अस्पताल में भर्ती किये गए कर्मी भी बगैर किसी नर्सिंग कोर्स के है,कम क़ीमत पर स्टॉफ रखकर संचालक द्वारा मरीजों के जान से खिलवाड़ किया जा रहा है.. वहीं छठवें बिंदु के आरोप के मुताबिक भूपेंद्र ने ज्ञापन में जिक्र किया है कि नियमानुसार तीन छोर से मेडिकल स्टोर खुला नहीं होना चाहिए पर ड्रग इस्पेक्टर द्वारा नियम ताक में रखकर देव माता श्री अस्पताल में मेडिकल स्टोर संचालन की अनुमति दे दी गई है,इतना ही नहीं मरीजों को मजबूर भी किया जा रहा है कि दवाई भी इसी मेडिकल से ही खरीदा जाये..सातवे बिंदु के आरोप के मुताबिक आने वाले मरीजों को बेवजह जाँच व जबरन से ज्यादा दवाएं देकर गरीब मरीजों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है..आठवें बिंदु के आरोप के मुताबिक डायरेक्टर दयाराम बंजारे जो कि ग्राम -तुलसी.. ब्लॉक नवागढ़..का निवासी है.. वह कैसे डॉक्टर दयाराम बेनर्जी बन गया.. इसकी सही तरीके से जाँच करने की मांग भी ब्लॉक अध्यक्ष ने ज्ञापन में किया है।

अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों को सिरे से किया ख़ारिज - मामले में ज़ब खबर छत्तीसी के प्रतिनिधि ने देवमाता श्री अस्पताल प्रबंधन से आरोपों को लेकर चर्चा की.. तो प्रतिनिधि से अस्पताल के एडमिनिस्ट्रेशर विनोद सिंग ने सारे आरोपों पर चर्चा की.. विनोद ने पहले आरोप पर कहा कि देवमाता श्री अस्पताल का पंजीयन 1 मई 2017 को पांच वर्ष के लिए हुआ था, पांच वर्ष खत्म होने से पहले हमने रिनेवल के लिए आवेदन सीएमएचओ ऑफिस में जमा कर दिया है। दूसरे आरोप पर विनोद ने कहा कि इलाज डॉक्टर संजय चौधरी करते है। वहीं प्रतिनिधि ने ज़ब कहा कि डॉक्टर बेनर्जी का इलाज करते हुए फोटो भी ज्ञापन के दौरान सौंपी गई है, तो इस पर विनोद ने कहा कि वे प्रोपाइटर होने के नाते अपने केबिन में बैठते है.. यदि अस्पताल आने वाले मरीजों को किसी तरह की कोई असुविधा होती है तो वे उनसे मिलकर अपनी समस्या बताते है। तीसरे आरोप पर विनोद ने कहा कि हमारे यहां लेप्रोस्कोपिक मशीन ही नहीं है तो सर्जरी करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। चौथे आरोप पर विनोद ने कहा कि छत्तीसगढ़ उपचार्या ग्रह अधिनियम के अंतर्गत एमबीबीएस डॉक्टर छोटी पैथोलॉजी का संचालन कर सकता है, जो कि डॉक्टर संजय चौधरी की देखरेख में किया जा रहा है। पाँचवे आरोप पर विनोद सिंग ने कहा कि ज़ब भी किसी अस्पताल का पंजीयन किया जाता है, तो वहां के कर्मचारियों का योग्यता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर ही किसी अस्पताल का रजिस्टेशन होता है.. हमारे संस्थान में सभी का योग्यता प्रमाण पत्र है, उसी आधार पर पंजीयन हुआ है। छठवें आरोप पर विनोद ने कहा कि ड्रग लायसंस के लिए ज़ब हमने आवेदन किया था तो कई बार पूरी प्रक्रियाओं की जाँच की गई। जहाँ भी कमी थी, हमें उसे पूरा करने को कहा गया। इतना ही नहीं स्थल का भी परीक्षण किया गया, इसके बाद लायसंस दिया गया.. मेडिकल का संचालन कही कोई गलत नहीं है। सातवे बिंदु के आरोप पर कहा कि किसी मरीज को जाँच आवश्यक है या नहीं.. वह डॉक्टर का निर्णय होता है, ज़ब तक मरीज का लैब जाँच नहीं होगा तो बीमारी कैसे पकड़ में आएगी.. आठवें बिंदु पर कहा कि वह डॉक्टर नहीं है, वह अस्पताल के संचालक है.. उनको बदनाम करने के लिए इस तरह का आरोप लगाया जा रहा है। भारत के हर नागरिक को स्वतंत्र रूप से अपने व्यापार संचालन का मौलिक अधिकार है।

मामले में हमने ज़ब जिले के सीएमएचओ डॉक्टर एन आर नवरत्न से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि देव माता श्री अस्पताल के पंजीयन रिनेवल के लिए आवेदन प्राप्त हुए है, एक दो दिन में पंजीयन के रिनेवल होने की बात सीएमएचओ ने कही। ज़ब प्रतिनिधि ने सीएमएचओ से सवाल किया कि क्या पंजीयन समाप्त होने के बाद भी नर्सिंग होम का संचालन अस्पताल के संचालक द्वारा किया जा सकता है। जिस पर सीएमएचओ ने कहा कि संचालक ने पंजीयन खत्म नहीं होने से पहले आवेदन किया था ।विभागीय कार्य होने के चलते लेट हो गया..सीएमएचओ ने कहा कि यदि नर्सिंग होम की शिकायत मिलेगी तो जिले से टीम भेजकर जाँच करवाया जायेगा।

वहीं ड्रग इस्पेक्टर भुनेश्वर मोहले ने आरोपों पर कहा कि उन्होंने भी नियम का पालन करते हुए ही कार्य किया है। कहीं कोई गलत नहीं किया गया है, जो योग्यता रखता हो और अगर वह लायसंस के लिए आवेदन करता है तो स्थल जाँच के साथ ही पूरी दस्तावेज़ो की जाँच कर उसे लायसंस दिया जाता है।

मामले में देवभोग एसडीएम टीका राम देवांगन ने कहा कि देवमाता श्री हॉस्पिटल के खिलाफ आठ बिंदुओं पर जाँच के लिए शिकायत पत्र प्राप्त हुआ है। जाँच टीम का गठन कर पुरे आरोपों की जाँच करवाई जायेगी।

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