छत्तीसगढ़सरगुजा-अंबिकापुर

5 करोड़ से अधिक की राशि से 17 कॉम्पोनेन्ट का निर्माण, वैश्विक स्तर पर मिलेगी पहचान

शिव शंकर साहनी@सरगुजा. छत्तीसगढ़ की पहचान भगवान श्रीराम के ननिहाल से है..वनवास काल में श्रीराम ने महत्वपूर्ण समय बिताया था..जिसमे ऋषि आश्रम, प्रकृति के मध्य वनवास काटा.. इसलिए छत्तीसगढ़ की जनश्रुतियों, लोक कथाओं,आम जनजीवन में राम रचे-बसे हैं..ऐसी भी मान्यता है कि श्रीराम के साथ माता सीता और लक्ष्मण ने 12 साल छत्तीसगढ़ में बिताये थे..छत्तीसगढ़ सरकार की संकल्पना पर छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल वैश्विक पर्यटन क्षेत्रों का विस्तार किया जा रहा है.. जिन जगहों पर भगवान राम आए थे..ऐसे 75 स्थानों की पहचान कर वैश्विक पर्यटन के अनुरूप विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है..तो वही प्रथम चरण में कोरिया से सुकमा तक 2260 किमी की लंबाई तक 9 जगहों को रामायणकाल के अनुकूल विकसित करने का कार्य जारी है.

इसी को देखते हुए पर्यटन बोर्ड के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने छत्तीसगढ़ की महत्वकांक्षी परियोजना राम वन गमन पथ के लिए रामगढ़ को चिन्हांकित किया गया है..जिसमे पांच करोड़ से अधिक की राशि से 17 कॉम्पोनेन्ट पर काम किया जा रहा है..यह कार्य पूरे होने के बाद वैश्विक स्तर पर इसकी अलग पहचान होगी।

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