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‌‌Bilaspur: विधायक ने सार्वजनिक मंच पर निजी शिकायत क्यों की ? अगर की तो गृहमंत्री इस बात से अनभिज्ञ क्यों?

उपेन्द्र त्रिपाठी@बिलासपुर। (Bilaspur) छत्तीसगढ़ के बागी तेवर के विधायक शैलेश पांडेय ने थाने के बाहर रेट लिस्ट लगाने की बात कही थी इस पर गृह मंत्री ने कहा मुझे कोई शिकायत नहीं मिली फिर कार्रवाई किस बात की। छत्तीसगढ़ में इन दिनों मंत्री बनाम विधायक की स्थिति बनती ही नजर आ रही है। (Bilaspur) बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय ने पुलिस की छवि पर सवाल उठाते हुए 9 नवम्बर को बिलासपुर शहर के तारबाहर थाने नवनिर्मित भवन का लोकार्पण कार्यक्रम मे थानों के बाहर रेट लिस्ट चिपकाने की बात कही थी।

 (Bilaspur) वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने ऐसी किसी स्थिति से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने पूरा मामला विधायक के सिर मढ़ते हुए कहा कि, उनकी तरफ से ना तो उन्हें शिकायत लिखित मिली है और ना ही मौखिक। जब शिकायत ही नहीं मिली तो कार्रवाई किस बात की। उन्होंने ऐसा क्यों कहा यह वे ही जानते होंगे।

दूसरी तरफ अपने ही बयान से पलटते हुए विधायक ने कहा कि उनकी शिकायत पर कार्रवाई हो गई है और मंत्री जी ने खुद पूरे मामले में संज्ञान लिया है। छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था को लेकर अक्सर सवाल उठाए जाते रहे हैं, ऐसे में प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने एक बार फिर कहा कि, बिलासपुर विधायक के द्वारा उठाए गए सवालों से भी पूरी तरह से अनभिज्ञ हैं। उनकी तो शिकायत अब तक नही मिली है। लिखित में और ना ही मौखिक रूप से।

पूरा मामला थाने के बाहर रेट लिस्ट चिपकाने को लेकर था। जहां एक सार्वजनिक मंच से विधायक ने जोरदार तरीके से विरोध दर्ज कराते हुए थाना के बाहर कार्रवाई करने के लिए कितने पैसे लगेंगे इस बात को लेकर रेट लिस्ट चस्पा करने की बात कही थी। इस पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने देर से ही सही लेकिन तीखी प्रतिक्रिया दी है। मंत्री ने कहा कि, उन्हें कोई शिकायत मिली ही नहीं है। विधायक ने ऐसा क्यों कहा, वे नही जानते।

अगर शिकायत मिलेगी तो वे कार्रवाई करेंगे। फिलहाल उनके पास ऐसी कोई शिकायत नहीं है।  इस पूरे मामले में विधायक शैलेश पांडेय ने यू-टर्न ले लिया है और कहा है कि उनकी शिकायतें मंत्री महोदय को मिल चुकी है और उन्हें कार्रवाई भी कर दी है विधायक जहां एक तरफ खुद की बात को सच साबित करने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मंत्री ने विधायक के द्वारा उठाए गए सवालों और आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है इस बीच विधायक के हाव भाव को देखकर यह साफ हो जाता है कि किस तरह से वह इस स्थिति से बचना चाहते हैं अपनी बात कहते हुए मीडिया से दूर भागते हुए नजर आए। 

छत्तीसगढ़ में मंत्री बनाम विधायक स्थिति को बनते देख अब विपक्ष को बैठे बिठाए मौका मिल गया है। हालाकि मंत्री और विधायक के बयान के बाद यह स्पष्ट तो नहीं हो पाया कि विधायक ने सार्वजनिक मंच पर निजी शिकायत क्योंकि की ? और अगर की तो गृहमंत्री इस बात से अनभिज्ञ क्यों हैं ?  वही विधायक ने  यू-टर्न क्यों लिया?  उनकी शिकायत पूरी हो गई तो फिर ऐसे समय मे गृहमंत्री का ऐसा जवाब और शहर के विधायक का अपने ही बयान से पलट जाने की प्रवृत्ति, कांग्रेस को लंबे समय से बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है?

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