रायपुर। (Bilaspur) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन दिनों बिलासपुर प्रवास पर हैं। इस दौरान उनसे पूछे गए सवाल पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी है। दरअसल सवाल लाल आतंक और नक्सलवाद से जुड़ा हुआ था। दरअसल इन दिनों नक्सलियों के द्वारा केंद्रीय कृषि बिल के विरोध किए जाने की चर्चा खूब हो रही है इस पर जब सवाल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछा गया तो उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नक्सली कब किसका और क्यों विरोध करते हैं(Bilaspur) इससे उनका कोई सरोकार नहीं है रही बात कृषि बिल को लेकर तो सदन में पहले ही दिन से राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने इसका विरोध दर्ज करा दिया था।
(Bilaspur) छत्तीसगढ़ में 26 जनवरी से नक्सली केंद्रीय कृषि कानून का विरोध करने वाले हैं! इस खबर के बाहर आते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मानें तो नक्सली किसका समर्थन करते हैं या किसका विरोध इससे उनका कोई सरोकार नहीं है, वहीं उन्होंने विपक्ष के द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया उन्होंने पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से पूछा कि, आखिरकार बीते 15 सालों में उन्होंने नक्सलियों के साथ वार्ता के लिए कौन सा आधार तैयार किया..? जबकि कांग्रेस पार्टी आज किस बात के लिए तैयार है, लेकिन नक्सलियों को पहले भारत के संविधान पर विश्वास करना होगा और फिर हथियार छोड़ना होगा। इसके बाद वह किसी भी मंच पर उनसे बातचीत करने को तैयार हैं।
देखिए नक्सली क्या करते हैं किस का समर्थन करते हैं किसका नहीं करते हैं उससे हमारा कोई लेना देना नहीं है बहुत सारे लोग समर्थन कर रहे हैं और बहुत सारे लोग विरोध कर रहे हैं रही बात किसी कानून की तो पहले दिन से ही राहुल गांधी जी इसका विरोध कर रहे हैं भारतीय कांग्रेस पार्टी इसका विरोध कर रही है विधानसभा में भी हम लोगों ने संशोधन बिल लाया था पंजाब के विधानसभा में भी राजस्थान के विधानसभा में भी और छत्तीसगढ़ में भी संशोधन बिल लाया गया था हमने उक्त कृषि बिल का विरोध किया था। 15 साल तक पूर्व मुख्यमंत्री ने क्या किया..? बातचीत का कोई आधार तैयार किया..!? और मैं अभी भी कह रहा हूं की नक्सली भारत के संविधान पर विश्वास करें, दूसरा हथियार छोड़े, हम कभी भी किसी भी मंच पर बात करने को तैयार हैं।