Chhattisgarh

Chhattisgarh: अमृत महोत्सव कार्यक्रम में सीएम ने कहा- धान से इथेनॉल बनाने की अनुमति के लिए भारत सरकार को लिखा पत्र, लेकिन अनुमति नहीं, अब यह राष्ट्रीय क्षति नहीं है तो क्या है ?

 

रायपुर। (Chhattisgarh) अमृत महोत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आजादी के 75 सालों में आज देश उन महान शहीदों को याद कर रहा है। जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया। आजादी में छत्तीसगढ़ भी पीछे नहीं रहा है।

छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) में भी महात्मा जी के साथ लड़ाई में  छत्तीसगढ़ के हमारे पुरखों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।  आज देश की आजादी में छत्तीसगढ़ को भी नहीं भुलाया जा सकता।  उद्योग में भिलाई स्टील प्लांट का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उद्योग में छत्तीसगढ़ का धान सबसे ज्यादा उपयोगिक है। देश दुनिया मे जितने प्रकार धान नहीं है उतना छत्तीसगढ़ में हैं। पिछले साल पूरे देश का सबसे ज्यादा लघु वनोपज छत्तीसगढ़ में 75 प्रतिशत है। अब वह 85 प्रतिशत हो गया है। लघु वनोपज , अनाज और खनिज छत्तीसगढ़ में पर्याप्त है। दुनिया मे जो नहीं मिलता वह खनिज छत्तीसगढ़ में पाया जाता है।व्यापार में मांग और आपूर्ति का खेल हैं।

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(Chhattisgarh)देश मे एक समय हमारे पास अनाज की कमी थी। इंदिरा गांधी ने हरित क्रांति की शुरुआत की तो देश के किसानों ने सहयोग किया। आज इतना उत्पादन हो गया है कि रखने की जगह नहीं है।

दलहन तिलहन के अलावा अनाज को समर्थन मूल्य पर कोई पूछने वाला नहीं है। इसलिए मैंने भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा कि धान से इथेनॉल बनाने की अनुमति दी जाए। दो साल से भारत सरकार को लिख रहा हूं लेकिन अनुमति नही दी जा रही। अब यह राष्ट्रीय क्षति नहीं है तो क्या है ?

इससे किसानों को काम मिलेगा युवाओ को रोजगार मिलेगा। हम केवल अनुमति मांग रहे है। खरीदने वाले बहुत है। लेकिन अनुमति नहीं दे रहे हैं।  हमने भारत सरकार को ढाई साल से लिखा है। अनुमति नही मिल रही।

हमारे पास कोयला है, कहा गया पावर प्लांट लागाये जाए तो पूर्व देश मे पॉवर प्लांट लगे। लेकिन हमारे पास पावर प्लांट लगे घरेलू डिमांड भी बढ़ी।

अब बात आ रही है ग्रीन एनर्जी की.लेकिन उसकी लिमिटेशन है। इसलिए हम पानी से बिजली का उत्पादन कम कर पाएंगे। हमारे पास कार्बन है। जिसको डायजेस्ट करने के तरीके खोजे जा रहे हैं। . 

हमने छत्तीसगढ़ में एक तरफ गौ माता की समस्या को देखते हुए 6 हजार गौठान बना दिये। दुनिया मे एक मात्र सरकार है जो 2 रुपये किलो गोबर खरीद रही है। हमने कहा गोबर से बिजली बनाने की बात कही तो एक्सपर्ट ने पूछा कि बिजली कैसे बनाएंगे। हमने गोबर से बिजली बनाने के लिए MOU किये तो लोग आगे आये और कह रहे है कि हमे गोबर दीजिये हम बिजली बनाएंगे।  

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हम भारत सरकार से एयर कार्गो की मांग कर रहे है … इसलिए कि देश दुनिया मे जो जो डिमांड है वहा हम भेज सकें …

अपने संसाधन से ही हम काम कर रहे है …

मिलिट्स के समर्थन मूल्य की घोषणा और उद्योगों में मदद करने की कोशिश कर रहे है …

लघु वनोपज पर काम कर रहे है … भारत सरकार से उम्मीद है कि वाणिज्य और लघु उद्योगे में छत्तीसगढ़ की भी भागीदारी बने ..

हो सकता है मेने भारत सरकार के बारे में कुछ कड़वी बात कही हो तो बुरा ना माने हम बड़े भाई के सामने नही कहेंगे तो किसके सामने कहेंगे … सरकार से नही लेकिन अधिकारियों के माध्यम से हमे कुछ मिल जाये …

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