दिल्ली ब्लास्ट में बड़ा खुलासा: NIA ने डॉ. उमर को सुसाइड बॉम्बर माना, 50 से ज्यादा CCTV से रीक्रिएट होगा पूरा रूट

दिल्ली। दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुई i20 कार ब्लास्ट की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। NIA ने पुष्टि की है कि कार चला रहा डॉ. उमर उल नबी ही इस धमाके का सुसाइड बॉम्बर था।
पहली बार किसी एजेंसी ने आधिकारिक रूप से इसे आत्मघाती हमला बताया है। अब जांच एजेंसियां उमर की मूवमेंट को रीक्रिएट करने की तैयारी कर रही हैं। इसके लिए फरीदाबाद से दिल्ली तक उसके सफर का पूरा रूट मैप तैयार किया जाएगा। यह रूट 50 से ज्यादा CCTV कैमरों में कैद i20 कार के फुटेज के आधार पर तैयार होगा, ताकि यह पता चल सके कि रास्ते में उससे कौन मिला, कौन पीछा कर रहा था या किसने मदद की।
धमाके वाली जगह से पुलिस को 9 एमएम की तीन गोलियां मिली हैं, जिनमें दो जिंदा कारतूस हैं। हथियार नहीं मिलने के बावजूद कारतूसों का वहां होना जांच का बड़ा विषय है, क्योंकि इन्हें आम नागरिक नहीं रख सकते। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों के हथियारों की जांच की गई, लेकिन कोई कारतूस गायब नहीं मिला।
जांच के अनुसार धमाके में 30-40 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। अमोनियम नाइट्रेट के साथ अन्य केमिकल मिलाए गए थे, जिससे धमाका अत्यधिक शक्तिशाली हुआ। विस्फोटक कार की पिछली सीट पर रखा गया था। सुनहरी बाग पार्किंग में कार खड़ी करने के बाद उमर ने IED को फाइनल रूप दिया था। टीमों ने 500–600 मीटर के दायरे से कार के टुकड़े बरामद किए हैं।
जांच में यह भी सामने आया है कि फिदायीन हमलावर तैयार करने वाला यह मॉड्यूल पिछले एक साल से सक्रिय था। फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी को आतंकियों ने कट्टरपंथ और लॉजिस्टिक सपोर्ट के केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया। डॉक्टर मुजम्मिल, डॉक्टर शाहीन और डॉक्टर उमर मरीजों के नाम पर युवाओं को फिदायीन मॉड्यूल में शामिल करते थे। कार उपलब्ध कराने वाले आतंकी आमिर राशिद को NIA ने गिरफ्तार कर लिया है। धमाका किसी जल्दबाजी का नतीजा नहीं, बल्कि एक सुनियोजित आतंकी हमला था, जिसमें उमर ने जान देकर अपने मिशन को अंजाम दिया।





