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भूपेश बघेल ने निर्वाचन आयोग के डिजिटाइजेशन दावे पर उठाए सवाल: 80 बूथों की सूची सार्वजनिक करने की मांग

रायपुर,। छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने दावा किया है कि प्रदेश के 80 मतदान केंद्रों में 100 प्रतिशत मतदाता फॉर्म का डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका है। लेकिन इस दावे पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल खड़े कर दिए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि बहुत बधाई, अब चुनाव आयोग से अनुरोध है कि उन सभी 80 मतदान केंद्रों की सूची सार्वजनिक कर दें, जहां 100 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि इससे बाकी की टीमों को प्रेरणा मिलेगी और कार्य की पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी।

भूपेश बघेल के ट्वीट के बाद कांग्रेस ने भी निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करें और प्रत्येक मतदाता से लिखित पुष्टि प्राप्त करें। पार्टी का कहना है कि ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में रहने वाले लोगों के पास फोटो खिंचवाने या फोटोकॉपी कराने की सुविधा नहीं होती, इसलिए इसका खर्च और प्रबंधन आयोग को ही करना चाहिए।

मतदाता सूची संशोधन को लेकर भाजपा ने भी मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखित शिकायत दी है। पार्टी का आरोप है कि SIR सर्वे में गंभीर अनियमितताएं हो रही हैं। कई जिलों में BLO सिर्फ फॉर्म वितरित कर रहे हैं और घर-घर जाकर सत्यापन नहीं कर रहे हैं। भाजपा ने आयोग से कहा कि लापरवाही करने वाले BLO पर तुरंत कार्रवाई की जाए और सर्वे की मॉनिटरिंग को कड़ा किया जाए, ताकि मतदाता सूची की विश्वसनीयता बनाए रखी जा सके।

इस विवाद के बीच मतदाता सूची के डिजिटाइजेशन और सत्यापन प्रक्रिया को लेकर निर्वाचन आयोग पर राजनीतिक दबाव बढ़ गया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही चाहते हैं कि प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और सभी मतदाताओं के लिए सहज बनी रहे।

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