रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के एनकाउंटर और सरेंडर को लेकर सियासत तेज है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर नक्सलियों को पैसा देने का आरोप लगाया है। बघेल का कहना है कि भाजपा सरकार के समय नक्सली सीधे एकात्म परिसर और मंत्रियों के कार्यालय तक वसूली के लिए आते थे।
भूपेश बघेल ने कहा, “भाजपा नक्सलियों को पैसा देती थी। नक्सली हफ्ता लेने एकात्म परिसर तक आते थे और मंत्री के दफ्तर में रकम देते थे। पूर्व गृहमंत्री के पास तो 1 लाख रुपए देने की रसीद भी थी। आज वही लोग हम पर आरोप लगाते हैं। हमारे पहले पंक्ति के नेता नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हुए और ये हम पर उंगली उठा रहे हैं।”
भूपेश बघेल के आरोपों पर भाजपा सांसद संतोष पांडेय ने तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस तो नक्सलियों का फूफा है, इनका पूरा कुनबा एक ही गोतियार है।”
इस विवाद के बीच हिड़मा को लेकर भी सियासी हलचल है। यूथ कांग्रेस की राष्ट्रीय पदाधिकारी प्रीति मांझी ने इंस्टाग्राम पर हिड़मा की फोटो लगाकर “लाल सलाम कॉमरेड” लिखा था। पोस्ट वायरल होने के बाद उन्होंने इसे डिलीट कर दिया, लेकिन स्क्रीनशॉट तेजी से फैल गए। पार्टी ने बयान जारी किया कि यह पदाधिकारी का व्यक्तिगत मामला है और पार्टी का इससे कोई संबंध नहीं।
विवाद बढ़ने पर प्रीति मांझी ने सफाई देते हुए कहा कि उनकी स्टोरी का गलत मतलब निकाला जा रहा है। यूथ कांग्रेस ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई और जांच पूरी होने तक उन्हें पद से दूर रखा।
उल्लेखनीय है कि कुख्यात नक्सली हिडमा 18 नवंबर को छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर मारा गया था। वह नक्सल संगठन की सेंट्रल कमेटी का सदस्य था और उस पर 1 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था। हिडमा को छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की फ्रंटलाइन टीम का कमांडर माना जाता था।
