
रवि तिवारी@देवभोग। राज्य शासन ने ढ़ाई साल तक प्रधानमंत्री आवास की राशि जारी नहीं किया.. इस बीच 22 ऐसे हितग्राही है जिनके पक्के मकान का सपना अधूरा रह गया.. राशि आने के इंतज़ार में 22 हितग्राही पक्के मकान बनाने का अधूरा सपना लेकर दुनिया छोड़ गए.. वहीं हितग्राहियों की मृत्यु के बाद अब उनके उत्तराधिकारी को आवास दिए जाने की तैयारी विभाग कर रहा है… प्रधानमंत्री आवास के ब्लॉक समन्वयक ओमेश्वर दीवान ने बताया कि हितग्राही के मृत्यु के बाद उसके उत्तराधिकारी का बैंक पास बुक, वंशावली, मृत्यु प्रमाण पत्र और परिवार के अन्य सदस्यों की सहमति लेकर उसे आवास देने सम्बन्धी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है.. इसके अलावा ग्राम पंचायतों का प्रस्ताव भी बहुत ज्यादा जरूरी होता है..
इन हितग्राहियों की हो चुकी है मौत-: ब्लॉक के दरलीपारा की बनासो के नाम पर आवास का स्वीकृति मिला था.. बनासो को आवास का पहला किश्त भी जारी हो गया है.. वहीं 10 अगस्त 2017 को बनासो की मौत हो गई.. वहीं आवास का काम भी शुरू नहीं हो पाया है.. इसी गॉव की बसंती बाई को वर्ष 2016-17 में आवास मिला था.. उन्हें भी पहली किश्त जारी हो गया था लेकिन 15 अप्रैल 2018 को उनकी मौत हो गई और उनके आवास का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है.. इसी तरह दरलीपारा की कोदोखाई, देवभोग के विनोद कुमार, गिरसूल की सुलोचना, गोहेकेला के कोसरुराम, झाखरपारा की फूलमती, करचिया की फूलमती बाई, कोदोभाठा की गोनोबाई, लाटापारा की रनमति, मुंगिया का घनश्याम, निष्टिगुड़ा की जमुना, पुरनापानी की प्याजो बाई, भतराबहली की सन्यासी, सुकलीभाठा के चूरनलाल, गिरसूल के मनीराम, माहुलकोट के फूलमति यादव, निष्टिगुड़ा के अरखित, कन्हैक, रतन, पुरनापानी की रायवारी और नवागांव की रखो बाई यादव अपने अधूरे आवास का सपना लेकर दुनिया छोड़ कर चले गए.. ब्लॉक समन्वयक ओमेश्वर दीवान ने बताया कि ब्लॉक के 3971 हितग्राहियों को दूसरा, तीसरा और चौथा किश्त का राशि जारी किया जा चुका है, जबकि 892 हितग्राहियों का जारी किये गए राशि के अनुपात में काम नहीं होने से उन्हें अब तक राशि जारी नहीं किया गया है.. जारी किये गए राशि के अनुपात में काम होते ही फिर राशि जारी किया जायेगा…