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होलिका दहन पर लगा भद्राकाल, होली जलाने के लिए बस इतने घंटे का है मुहूर्त

इस बार होलिका दहन भद्रा के बाद करना ही उचित होगा. 24 मार्च को होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 10.27 बजे से से शुरू होगा. इस मुहूर्त में होलिका दहन करने से कोई दोष नहीं लगेगा और आपका जीवन खुशहाल बना रहेगा.

हालांकि इस बार होलिका दहन पर एक बड़ा ही दुर्लभ संयोग बनने वाला है. दरअसल, इस बार होलिका दहन के दिन भद्रा का अशुभ साया रहने वाला है. शास्त्रों के अनुसार, भद्राकाल में होलिका दहन करना वर्जित है. आइए जानते हैं कि इस दिन भद्रा काल का समय और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है.

होलिका दहन पर भद्राकाल का समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार होलिका दहन के दिन भद्रा का साया रहेगा. भद्राकाल सुबह से लेकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगी. भद्रा के दौरान होलिका दहन करने की सख्त मनाही है. ऐसी मान्यताएं हैं कि भद्रा के समय होलिका दहन करने से जीवन में समस्याएं आती हैं. इसलिए इस काल में होली कभी नहीं जलानी चाहिए.

होलिका दहन का मुहूर्त

ज्योतिषविदों के अनुसार, होलिका दहन भद्रा के बाद करना ही उचित होगा. 24 मार्च को होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 10.27 बजे से लेकर रात 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में होलिका दहन करने से कोई दोष नहीं लगेगा और आपका जीवन खुशहाल बना रहेगा.

होलिका दहन के लाभ

होलिका दहन से मन की तमाम समस्याओं का निवारण हो सकता है. रोग, बीमारी और विरोधियों की समस्या से निजात मिल सकती है. आर्थिक बाधाओं से राहत मिल सकती है. ईश्वर की कृपा आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. आप अलग-अलग चीजों को अग्नि में डालकर बाधाओं से मुक्ति पा सकते हैं.

होलिका की अग्नि में डालें ये चीजें

अच्छे स्वास्थ्य के लिए- काले तिल के दाने
बीमारी से मुक्ति के लिए- हरी इलाइयची और कपूर
धन लाभ के लिए- चन्दन की लकड़ी
रोजगार के लिए- पीली सरसों
वैवाहिक समस्याओं के लिए- हवन सामग्री
नकारात्मक ऊर्जा के लिए- काली सरसों

होलिका दहन का महाप्रयोग

होलिका दहन हो जाने के बाद उसकी थोड़ी सी राख ले आएं. इसको किसी पात्र में सुरक्षित रख लें. किसी महत्वपूर्ण कार्य पर जाने से पहले इसका तिलक लगाकर जाएं. कार्य में सफलता मिलेगी.

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