सट्टा से सत्ता…भूपेश–केदार आमने-सामने

रायपुर। देश में ऑनलाइन गेमिंग और बैटिंग ऐप्स पर रोक लगाने की केंद्र सरकार की पहल के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत गरमा गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र पर हमला बोलते हुए सवाल उठाए कि क्या अब तक ऑनलाइन सट्टेबाजी केंद्र की मर्जी से चल रही थी और क्या भाजपा ने इन गेमिंग कंपनियों से चंदा लिया? उन्होंने याद दिलाया कि दिसंबर 2022 में उनकी सरकार ने विधानसभा से जुआ एक्ट में संशोधन कर ऑनलाइन सट्टे पर नकेल कसी थी और 2023 में प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था।
भूपेश ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सरकार कहीं इस कानून का इस्तेमाल कंपनियों से चंदा वसूलने के लिए तो नहीं कर रही। उन्होंने आरोप लगाया कि यही कंपनियां भारतीय क्रिकेट टीम की प्रायोजक रही हैं और गृहमंत्री अमित शाह के पुत्र के जिम्मे क्रिकेट बोर्ड का अहम पद है।
वहीं भाजपा नेता और अपेक्स बैंक अध्यक्ष केदार गुप्ता ने भूपेश के आरोपों को निराधार बताते हुए पलटवार किया। उन्होंने कहा कि महादेव सट्टा एप को संरक्षण कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मिला। उस समय अधिकारियों-कर्मचारियों और बड़े नेताओं की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार फला-फूला। भाजपा का दावा है कि ईडी-सीबीआई की कार्रवाई और गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस इसे राजनीतिक रंग देने लगी।
भाजपा ने साफ कहा कि महादेव सट्टा प्रकरण कांग्रेस शासनकाल की देन है और वर्तमान सरकार इसे पूरी तरह खत्म करके रहेगी। इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ की राजनीति में सत्ता और सट्टा को लेकर तकरार तेज हो गई है।