बस्तर बना निवेश और विकास का नया केंद्र, 2100 से ज्यादा युवाओं को रोजगार

रायपुर। बस्तर अब निवेश और विकास का नया केंद्र बन रहा है। कभी नक्सल प्रभावित और पिछड़ेपन की पहचान वाला यह इलाका अब औद्योगिक और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का प्रतीक बन गया है। बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट में 967 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिससे 2100 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा।

बस्तर में एनएमडीसी ने 43,000 करोड़ और सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के लिए 200 करोड़ का निवेश किया है। इसके साथ ही सेवा क्षेत्र और एमएसएमई में लगभग 1,000 करोड़ का निजी निवेश भी हुआ है। कुल मिलाकर करीब 52,000 करोड़ की प्रतिबद्धताओं के साथ बस्तर तेजी से औद्योगिक विकास की ओर बढ़ रहा है।

सरकार ने रेल और सड़क परियोजनाओं में भी बड़े निवेश किए हैं। रावघाट–जगदलपुर रेल लाइन, केके रेल लाइन का दोहरीकरण और नई सड़कों के निर्माण से यात्रा, व्यापार और सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।

स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बस्तर को नई पहचान मिल रही है। जगदलपुर में 350 बेड का मल्टी-स्पेशियलिटी निजी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज बनने जा रहा है। इसके अलावा कई नए अस्पताल, फूड प्रोसेसिंग इकाइयाँ, डेयरी उद्योग, वेयरहाउसिंग और पर्यटन परियोजनाएँ शुरू हो रही हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बीते 20 महीनों में 100 से अधिक बार बस्तर का दौरा किया है। “नियद नेल्ला नार” योजना और नई पुनर्वास नीति के जरिए यहाँ विश्वास और विकास की नई बुनियाद रखी जा रही है।

नक्सल उन्मूलन में भी बड़ी सफलता मिली है। दिसंबर 2023 से अब तक 453 नक्सली मारे गए, 1,600 से अधिक गिरफ्तार हुए और इतने ही आत्मसमर्पण कर चुके हैं। सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक बस्तर को पूरी तरह नक्सलमुक्त बना दिया जाए।

छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति 2024–30* ने बस्तर को निवेश, रोजगार और समावेशी विकास का नया गंतव्य बना दिया है।

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