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बालोद

‌Balod: जोगी कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होंगे ये नेता, ऐसा है इनका राजनीतिक सफर, देखिए Video

शिव जायसवाल@बालोद। (Balod) जिला स्थित गुंण्डरदेही के पूर्व विधायक व जोगी के कट्टर समर्थक आर. के. राय अब बीजेपी मे शामिल होने के पूरी तरह संकेत दे दिये है. उन्होने बताया कि मरवाही मे पूर्व सीएम व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह से बात साझा किया और समर्थन देते हुये मरवाही मे भाजपा के लिये वोट की अपील भी की. अब इसे विधिवत ही कहे या औपचारिकता कहे .डॉ रमन सिंह ने कह दिया कि आपका सम्मान हम रायपुर में करेंगे. आप काम शुरू कर दो हमने काम शुरू कर दिया है।

(Balod) शुक्रवार को राजेन्द्र राय कॉकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मण्डावी के साथ गुंण्डरदेही रेस्ट हाउस मे मौजूद रहे 9 साल पहले 2011 मे राय को राजनीति की सीढ़ी चढ़ाने वाले छजकां प्रमुख व पूर्व सीएम अजीत जोगी का निधन कुछ माह पहले हो गया.

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(Balod)  नई पार्टी के भविष्य को लेकर संशय की स्थिति है. लिहाजा कभी काॅग्रेस तो कभी भाजपा मे प्रवेश करने की अटकलो पर खुद राजेन्द्र राय ने कहा कि मै भाजपा का काम कर रहा हूं। बता दे कि राजेन्द्र राय साल 2013 मे गुेण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र से 21 हजार वोटो से काॅग्रेस की टिकट से विधायक पद के लिये चुनाव जीते थे । काॅग्रेस का हाथ छोड़ जोगी काॅग्रेस मे प्रवेश करने के बाद चुनाव हार गये .

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राजेन्द्र राय साल 2011 मे डीएसपी पद से इस्तीफा देकर राजनीतिक सफर शुरू की थी. तब काॅग्रेस नेताओ मे प्रमुख अजीत जोगी तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गाॅधी के निकटतम खास माने जाते थे. वर्किंग कमेटी के मेंबर थे तब काॅग्रेस ज्वाइन कराया और फिर उन्हे 2013 मे गुंण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र के लिये काॅग्रेस से प्रत्याशी बनाया गया और चुनाव जीत भी गये दोबारा छजका की टिकट से चुनाव लड़े लेकिन हार का सामना करना पड़ा।

कट्टर जोगी समर्थक एवं पूर्व विधायक राजेन्द्र उइके भाजपा में प्रवेश को लेकर यहां भाजपा के प्रदेश मंत्री राकेश यादव ने कहा कि राजेन्द्र राय साहब बड़े ही बेबाक बोलने वाले नेता हैं। उनका भाजपा में प्रवेश इस बात का सचेत है कि प्रदेश की नागरिक एवं नेता कहीं ना कहीं भाजपा की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं. भूपेश बघेल ने मरवाही चुनाव में जोगी परिवार को चुनाव लड़ने नहीं दिया. ये एक सैद्धांतिक लड़ाई थी.

कहीं ना कहीं राजेन्द्र राय जी स्वाभिमानी व्यक्ति हैं कई अवसर पादी आज सत्तर धारी कांग्रेस में अपनी जगह तलाशती है पर यहां राजेन्द्र राय जी ने विचारधारा को चुना।

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