छत्तीसगढ़बालोद

संघर्ष, तंगी से जूझ रहे बालोद के मूर्तिकार, गीली ज़मीन और टूटे फूटे मकान में बैठकर मूर्तियों को आकार देने का कर रहे कार्य

मीनू साहू@बालोद. छत्तीसगढ़ के बालोद जिला में मनाए जाने वाले जन्माष्टमी पर्व व अन्य मूर्ति स्थापना पर्व के लिए मूर्तिकार ने मूर्ति को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। संघर्ष करके मूर्तियों को टूटी फूटी क्षतिग्रस्त मकान पर गीली जमीन में बैठकर आकार देने का कार्य कर रहे हैं।

जिला मूर्तिकार चित्रकार संघ का अध्यक्ष प्रीतम साहू जो एक छोटे से गांव भरदा खुर्द में पैदा हुए लगभग 20 वर्षों से प्रतिमा निर्माण कार्य में जुटा हुआ है। आज उनके बनाए हुए मूर्ति को अन्य जिलों में भी स्थापना करते हैं. उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि कोरोना काल से मूर्तिकारों का हाल बेहाल हो गया है। कोई मदद भी शासन से अभी तक नहीं मिल पाई है और ना ही किसी जनप्रतिनिधि का ध्यान हम मूर्तिकारों पर है।

आर्थिक संकट से जूझ रहे है कई कलाकार को गरीबी के चलते दो वक्त का भोजन भी ढंग से नसीब नहीं होता हैं कई बार शासन को अपनी विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया गया। मगर शासन ने हमे नजरअंदाज कर दिया है।

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