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बाबू ने न्यायालय परिसर के अंदर वरिष्ठ अधिवक्ता पर किया हमला, पुलिस ने हिरासत में लिया

नितिन@रायगढ़। बीती शाम परिवार न्यायालय में गवाही के दौरान एसडीएम के बाबू गोविंद प्रधान ने वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष मिश्रा से न्यायालय परिसर के अंदर हाथापाई की। घटना के संज्ञान में आते ही न्यायालय परिसर के अंदर बड़ी संख्या में अधिवक्ता जमा हो गए। और उक्त घटना को कारित करने वाले एसडीएम के अति विवादित बाबू गोविंद प्रधान के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग करने लगे। जिसके बाद थाना प्रभारी चक्रधर नगर प्रशांत राव अपनी टीम के साथ न्यायालय परिसर आ पहुंचे। यहां से हमलावर बाबू गोविंद प्रधान को हिरासत में लेकर थाना ले आए.

घटना को लेकर जहां एक तरफ अधिवक्ताओं में भारी रोष देखा गया। तो वही दूसरी तरफ परिवार न्यायालय के न्यायधीश ने पुलिस के नाम ज्ञापन जारी करते हुए न्यायालीन कार्यवाही को बाधित करने वाले बाबू के खिलाफ उचित कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।

शाम तक जिला बार एसोसिएशन ने घटना को लेकर निंदा प्रस्ताव पारित कर दिया।इसके बाद सभी अधिवक्ता गोविंद प्रधान के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाने के लिए चक्रधरनगर थाना पहुंच गए।

घटना को लेकर पीड़ित अधिवक्ता आशीष मिश्रा ने बताया कि तत्कालीन कांग्रेस शासन काल में राजस्व न्यायालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ जिले के अधिवक्ताओं ने लंबी लड़ाई लड़ी थी। इस दौरान विभाग का यह बिगड़ैल बाबू सार्वजनिक रूप। से यह कहता रहा कि मौका मिलने पर वो एक एक अधिवक्ताओं को पटक पटक कर मारेगा। आज इसने अपने कथन को अंजाम देने का दुस्साहस किया है। वस्तुत: हम अधिवक्ताओं के प्रति दुर्भावना रखने वाला यह विववदित बाबू भ्रष्टाचार और भर्राशाही में इतना संलिप्त रहा है कि यह किसी को अपने आगे कुछ नहीं समझता है। इसके विरुद्ध इसकी पहली पत्नी ने दूसरा अवैधानिक विवाह करने के कारण एक केश कर रखा है। इसकी पहली पत्नी की तरफ से मैं ही पैरवी कर रहा हूं। आज पेशी के दौरान जब दोनो किसी विषय को लेकर आपसी बातचीत कर रहे थे,इसी बीच गोविंद ने दोनो पत्नियों को साथ रखने का प्रस्ताव दिया। मेरी क्लाइंट से प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया और उनके कहने पर मैंने गोविंद प्रधान से कहा कि आप लोग राजीनामा करना चाह रहे है तो अच्छी बात है। मेरी क्लाइंट चाहती है कि आप उन्हे 50 हजार रु महीना गुजारा भत्ता दे दीजिए। इस बात को लेकर गोविंद ने यह कहते हुए कि 25 हजार महीना तुम्हे लेना है क्या? मुझसे भरी अदालत में हाथापाई करनी शुरू कर दी।

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