
मीनू साहू@बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिला में शक्कर कारखाना पर आपदा प्रबंधन द्धारा मोकड्रिल के दौरान डिप्टी कलेक्टर अमित श्रीवास्तव ने बताया कि आदिकाल से ही मनुष्य अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए प्रकृति से संघर्ष करता रहा है। मनुष्य ने सभी क्षेत्रों में भले ही उल्लेखनीय प्रगति कर ली हो, लेकिन आज भी घटना दुर्घटना विश्वमानव के नियंत्रण से बाहर हैं।
छत्तीसगढ़ का अधिकांश क्षेत्र ऐसा है जो विभिन्न प्रकार की विपदाओं से प्रभावित रहता है। ऐसी घटना जो मानव निर्मित प्राकृतिक-अप्राकृतिक अथवा अचानक घटती है। उन्हें आपदा कहा जाता है।सभी का जीवन महत्वपूर्ण है। दुर्घटनाओं में असमय जिस मनुष्य की मृत्यु हो जाती है, उस व्यक्ति की पूर्ति करना असम्भव है इसलिए लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास किया जाता है। इन आपदाओं में भूकम्प, अग्रिकांड, बाढ़, सूखा आदि शामिल है।
जिला आपदा प्लान को हर साल अपडेट किया जाता है। इसमें नये संसाधनों के साथ औद्योगिक आपदा के दौरान आपातकाल में किए जाने वाले प्रबंधन की तैयारियां इत्यादि का पूरा खाका तैयार होना बहुत जरूरी रहता है।