Chhattisgarh

साय सरकार का प्रयास; नक्सल प्रभावित महिलाओं के जीवन को मिल रहा नया रंग, आर्थिक रुप से हो रही मजबूत

रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास को प्राथमिकता दी है। इसका असर अब साफ तौर पर दिखने लगा है। बस्तर क्षेत्र, जो पहले नक्सल हिंसा से प्रभावित था, अब वहां की महिलाएं हर्बल गुलाल बनाने में जुटी हैं, जिससे उनकी जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।

बस्तर क्षेत्र की महिलाएं पहले सीमित रोजगार अवसरों के कारण आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं हो पा रही थीं, लेकिन सरकार ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई पहल की हैं। हर्बल गुलाल बनाने की योजना के तहत, बस्तर की महिलाएं प्राकृतिक सामग्रियों जैसे हल्दी, चुकंदर, गेंदा फूल और पलाश का इस्तेमाल कर गुलाल बना रही हैं। यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक सहायता दे रही है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि इसमें कोई रासायनिक तत्व नहीं होते।

हर्बल गुलाल से बढ़ रहा आत्मविश्वास

बीजापुर जिले के भैरमगढ़ में महिलाएं अब स्व-सहायता समूह बनाकर हर्बल गुलाल बना रही हैं। इन महिलाओं की बढ़ती मांग ने उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाया है। पिछले पांच सालों से यह महिलाएं गुलाल बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं। यह पहल न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है, बल्कि समाज में उनकी स्थिति को भी सशक्त बना रही है।

स्व सहायता समूह की अध्यक्ष फगनी कवासी और सचिव अनीता कर्मा ने बताया कि पहले इन महिलाओं को जिला प्रशासन द्वारा हर्बल गुलाल बनाने की ट्रेनिंग दी गई थी, और अब वे इसे बेचकर अच्छी आय अर्जित कर रही हैं। इस पहल के कारण, बस्तर के हर्बल गुलाल की मांग बढ़ रही है, और महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं।

प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और विपणन सहयोग मिला सरकार से

विष्णुदेव साय सरकार ने इस पहल को सफल बनाने के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और विपणन सहयोग प्रदान किया है। इससे बस्तर के हर्बल गुलाल को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है, और आने वाले समय में इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी पहचान मिलने की संभावना है। सरकार के इस कदम ने बस्तर की महिलाओं के जीवन में एक नई रोशनी लाई है। यह पहल साबित करती है कि सरकार के सही प्रयास समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और महिलाओं को सशक्त बना सकते हैं।

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