बस्तर संभाग में 1611 शालाओं का युक्तियुक्तकरण, बच्चों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं

रायपुर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा को बेहतर और समावेशी बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। इस पहल के अंतर्गत बस्तर संभाग के सात जिलों में कुल 1611 शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है।
बस्तर, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कांकेर और सुकमा में संचालित ऐसी शालाएं, जहाँ छात्र संख्या कम है या एक ही परिसर में कई शालाएं हैं, उन्हें एकीकृत किया जा रहा है। बस्तर में 274, बीजापुर में 65, कोण्डागांव में 394, नारायणपुर में 80, दंतेवाड़ा में 76, कांकेर में 584 और सुकमा में 138 शालाएं इस योजना में शामिल हैं।
इस युक्तियुक्तकरण से एकल शिक्षक या शिक्षक विहीन शालाओं में अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना संभव होगी। साथ ही, एकीकृत विद्यालयों में पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशाला, कंप्यूटर लैब और खेल सामग्री जैसे संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।
संयुक्त संचालक शिक्षा, बस्तर संभाग के अनुसार, एक ही परिसर में पढ़ाई से छात्रों की उपस्थिति बढ़ेगी और ड्रॉपआउट दर में कमी आएगी। प्रशासनिक खर्च में भी बचत होगी, जिसे शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में लगाया जाएगा। यह योजना शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी पहल मानी जा रही है, जिससे हजारों बच्चों को सीधा लाभ मिलेगा।