छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी में पदाधिकारियों की नियुक्ति, राज्यपाल की पहल पर हुआ चुनाव

रायपुर। छत्तीसगढ़ में समाजसेवा और मानवता के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया है। राज्यपाल रमेन डेका की प्रेरणादायी पहल पर पहली बार छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी के पदाधिकारियों का लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव संपन्न हुआ। यह कदम न केवल संस्था को सशक्त और पारदर्शी बनाएगा, बल्कि राज्य के हर कोने में जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने में भी मील का पत्थर साबित होगा।
छत्तीसगढ़ के गठन को 24 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन रेड क्रॉस सोसाइटी के लिए यह पहला मौका है जब पूर्णतः लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत नेतृत्व का चयन किया गया। इस ऐतिहासिक चुनाव से रायपुर से लेकर बस्तर तक रेड क्रॉस से जुड़े स्वयंसेवकों और समाजसेवियों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है
नव-निर्वाचित पदाधिकारी
- अध्यक्ष: टोमन साहू (बालोद)
- उपाध्यक्ष: रूपेश पाणिग्रही (जशपुर)
- कोषाध्यक्ष: संजय पटेल (बलौदाबाजार)
राज्यपाल की सोच, एक नई दिशा
राज्यपाल डेका ने रेड क्रॉस को सशक्त, पारदर्शी और जन-जन तक पहुंचने वाली संस्था बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “रेड क्रॉस का उद्देश्य मानवता की सेवा है और यह चुनाव उसी उद्देश्य की दिशा में एक ठोस कदम है।” छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी, जिसकी स्थापना 4 अप्रैल 2001 को हुई थी, बीते दो दशकों में राज्य में आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवा, और सामाजिक कल्याण में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
नई टीम के सामने नई जिम्मेदारियां
नव-निर्वाचित पदाधिकारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती हर जिले की अलग-अलग जरूरतों को समझते हुए सेवा कार्यों को जमीनी स्तर तक पहुंचाना है। खासकर आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य और शिक्षा को प्राथमिकता देनी होगी। इसके लिए पारदर्शिता, संसाधनों का कुशल उपयोग और सामूहिक प्रयास आवश्यक होंगे।
स्वयंसेवकों की ताकत
रेड क्रॉस की असली शक्ति इसके स्वयंसेवक हैं, जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। चाहे रायपुर की गलियां हों या दंतेवाड़ा के जंगल, इनका समर्पण ही संस्था की पहचान है। संस्था द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविरों में प्राथमिक उपचार, आपदा प्रबंधन और नेतृत्व कौशल का विकास किया जाता है, जिससे युवाओं में सेवा का भाव और जुड़ाव बढ़ता है।