तीन महीना भी टीक ना सका एनीकट का एक्स्ट्रा वाल,गुणवत्ताहीन कार्य की खुल गई पोल

रवि तिवारी@देवभोग. किडनी प्रभावित गॉव सुपेबेड़ा के लिए तेल नदी से पानी देने के लिए सिंचाई विभाग ने एनीकट का निर्माण तेल नदी में करवाया है.. वहीं निर्माण कार्य पूरा होने के तीन महीने बाद ही काम के गुणवत्ता सम्बन्धी दावों की पोल खुल गई…तीन महीने में ही एनीकट का एक्स्ट्रा वाल पहली बारिश में ही ढह गया..यहां बताना लाजमी होगा कि लगभग 2 करोड़ की लागत से तैयार इस एनीकट को गुणवत्ता के मद्देनजर तैयार करवाने का दावा विभागीय अधिकारियों ने किया था…वहीं तीन महीने के अंदर एक्स्ट्रा वाल के ढहने से विभागीय अधिकारियों के कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होने लगा है…गौरतलब है कि लगभग 260 मीटर लम्बी एनीकट में बीच का लगभग 20 से 25 मीटर का भाग मुख्य स्ट्रक्चर से टूटकर अलग हो गया है…

मॉनिटरिंग की कमी से हुआ घटिया और स्तरहीन काम-: सेनमुड़ा,सुपेबेड़ा और खुटगॉव के ग्रामीणों की माने तो काम के दौरान जिम्मेदार अधिकारी ने भी गुणवत्ता की जाँच करना या फिर काम के दौरान उपयोग में लाये जा रहे मटेरियल की जाँच को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई… इसी का नतीजा था कि तीन महीने में घटिया और स्तरहीन निर्माण की पोल खुल गई…यहां बताना लाजमी होगा कि सेनमुड़ा घाट पर 260 मीटर लम्बी एनीकट के कार्य को पूरा करने के लिए 1 करोड़ 82 लाख में ठेका कम्पनी से विभाग का अनुबंध हुआ…वहीं नदी के बेड लेवल से न्यूनतम 5 मीटर और अधिकतम 7 मीटर तक गहराई तक दीवाल खड़ा किया गया है…यहां बताना लाजमी होगा कि एनीकट में जलभराव ज्यादा रहे इसीलिए तय लेवल से ढ़ाई फिट और अतिरिक्त वाल दूसरे चरण में बनवाया गया…नींव से ऊपर निकले रॉड की लम्बाई कुछ जगह कम थी… ऐसे में ज़ब अतिरिक्त ढ़ाई फिट वाल के लिए ज़ब सरिया जोड़ा जा रहा था, उस वक़्त लेपिंग के लिए लम्बाई कम हुआ था…इसी खामी को नजरअंदाज़ करना भारी पड़ गया…. इसी के चलते तीन महीने में ही एक्स्ट्रा वाल ढह गया.. और विभाग के कार्यों की पोल भी खुल गया….

मामले में एसडीओ दीपक कुमार पाठक ने बताया कि ठेका कम्पनी को अब तक फाइनल बिल का भुगतान नहीं हुआ है…केवल 1 करोड़ 18 लाख का भुगतान हुआ है…कंपनी का सुरक्षा धन अभी भी जमा है…बारिश के बाद वाल को फिर से बनाया जायेगा….

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