शराब घोटाला अब 3200 करोड़ तक पहुंचा, सिंडिकेट में शामिल हर अफसर ने कमाए करोड़ो; सबूत मिला फिर भी गिरफ्तारी नहीं

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल के दौरान हुआ शराब घोटाला अब और बड़ा हो गया है। पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इसकी राशि 2161 करोड़ रुपए बताई थी, लेकिन अब आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की जांच में यह आंकड़ा बढ़कर 3200 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। जांच में सामने आया है कि आबकारी विभाग के अधिकारियों ने 60.5 लाख पेटियों की अवैध बिक्री की, जिनकी कीमत करीब 2174 करोड़ रुपए है। ये पेटियां डिस्टलरी से सीधे दुकानों तक पहुंचाई गईं, जिन पर डुप्लीकेट होलोग्राम लगाए गए थे। इनका कोई रिकॉर्ड सरकारी दस्तावेजों में नहीं मिला है और दुकानों में इन शराब की पेटियों को कैश में बेच दिया गया।
हर दुकान पर अवैध शराब की बिक्री के लिए अलग से गल्ला रखा गया था, जिसमें जमा राशि को सिंडीकेट के सदस्य उठा ले जाते थे। इस अवैध कारोबार में अफसरों को हर पेटी पर 140 रुपए का कमीशन मिलता था। ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट में मृत आबकारी अधिकारी अशोक सिंह को भी आरोपी बनाया गया है, जो सिंडीकेट का अहम हिस्सा था। जनार्दन कौरव नाम का व्यक्ति जिला स्तर पर अफसरों से समन्वय करता था और उसे हर महीने 6 लाख रुपए कमीशन दिया जाता था। इसके साथ ही नवीन प्रताप तोमर, विकास गोस्वामी और दिनकर वासनिक जैसे अधिकारी भी इस घोटाले में सक्रिय थे। ईडी की कार्रवाई के बाद जनार्दन गायब हो गया, लेकिन बाकी अफसर सामने आए और सिंडीकेट का काम संभालने लगे। जांच के दौरान ईओडब्ल्यू को साक्ष्य मिला है। किस अफसर ने कितने पैसे कमाए, यह जानकारी भी ईओडब्ल्यू को लग गई है? इन सबके बाद भी दागी अफसरों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
जांच में खुलासा हुआ है कि चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी को इन अफसरों द्वारा बड़ी मात्रा में फंडिंग की गई थी। एजेंसी ने बताया है कि शराब घोटाला तीन हिस्सों में बांटा गया है – पार्ट A, B और C। इनमें सबसे बड़ा घोटाला पार्ट-B में हुआ है, जहां डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर भारी मात्रा में शराब बेची गई। एजेंसी का कहना है कि अभी विदेशी शराब और बीयर के कमीशन की जांच बाकी है, इसलिए घोटाले की राशि और बढ़ सकती है। यह पूरा मामला प्रदेश में प्रशासनिक मिलीभगत और भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण बन चुका है।
इन अफसरों को मिले इतने पैसे
- नोहर सिंह: 11.06 करोड़
- नीतू नोतानी: 7.78 करोड़
- अरविंद पाटले: 7.44 करोड़
- नवीन प्रताप सिंह तोमर: 6.7 करोड़
- राजेश जायसवाल: 5.78 करोड़
- जनार्दन कौरव: 4 करोड़
- विकास गोस्वामी: 3.12 करोड़
- दिनकर वासनिक: 2.92 करोड़
- इकबाल खान: 4.1 करोड़
- अनिमेष नेताम: 4.44 करोड़
- सौरभ बख्शी: 2.36 करोड़
- मोहित जायसवाल: 2.72 करोड़
- आशीष कोसम: 2.53 करोड़
- गरीब पाल: 2.32 करोड़
- एके सिंह: 2.22 करोड़
- प्रकाश पाल: 2.01 करोड़
- रामकृष्ण मिश्र: 1.7 करोड़