जगदलपुर। बस्तर सांसद महेश कश्यप ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर बस्तर दशहरा में शामिल होने का न्योता दिया। गृहमंत्री ने भी न्योता स्वीकार किया और कहा कि वे बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार की रस्म में शामिल होने जरूर आएंगे।
बस्तर दशहरा का पर्व पिछले 618 सालों से मनाया जा रहा है। यह पर्व लगभग 75 दिनों तक चलता है और इसकी खास बात यह है कि रावण का दहन नहीं होता, बल्कि रथ की परिक्रमा करवाई जाती है। यही इसकी प्रसिद्धि की सबसे बड़ी वजह है।
दशहरा समिति के सदस्यों ने छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री और अन्य सांसदों को भी विशेष आमंत्रण दिया है। इसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, अरुण साव, कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप, मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, जांजगीर-चांपा सांसद कमलेश जांगड़े, बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल, भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय और रामू रोहरा शामिल हैं।
सांसद महेश कश्यप ने बताया कि बस्तर दशहरा छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति, परंपराओं और सामाजिक एकता का प्रतीक है। यह भारत का सबसे लंबा चलने वाला धार्मिक पर्व है, जो 75 दिनों तक श्रद्धा और सांस्कृतिक विविधता के साथ मनाया जाता है।
बस्तर दशहरा रावण वध पर आधारित नहीं है, बल्कि यह मां दंतेश्वरी की भक्ति और आदिवासी परंपराओं पर केंद्रित है। देवी की आराधना, विशाल रथ यात्रा, तांत्रिक अनुष्ठान और जनभागीदारी से जुड़ा यह पर्व बस्तर की संस्कृति, आस्था और जनजातीय विरासत को जीवंत बनाता है।
सांसद ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मुरिया दरबार की रस्म में शामिल होंगे, जिससे बस्तर दशहरा का महत्व और बढ़ जाएगा और यह सामाजिक समरसता और आदिवासी विरासत का उत्सव देशभर में प्रदर्शित होगा।