मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक: सभी दलों से सहयोग की अपील, विपक्ष ने उठाए तीखे मुद्दे

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र से एक दिन पहले शनिवार को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। इसका उद्देश्य सत्र को शांतिपूर्वक और सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग लेना है।
बैठक में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। विपक्ष और एनडीए के कई दलों के नेता व संसद दलों के प्रमुख भी बैठक में मौजूद रहे।
सरकार का कहना है कि वह इस सत्र में 8 अहम विधेयक पेश करने जा रही है, जिनमें भू-विरासत संरक्षण, राष्ट्रीय खेल प्रशासन, खनिज विकास, और डोपिंग विरोधी कानून से जुड़े बिल प्रमुख हैं।
इस बीच, विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. ने भी मानसून सत्र से पहले रणनीति तैयार की। शुक्रवार को हुई ऑनलाइन बैठक में कांग्रेस, सीपीआई, टीएमसी समेत 24 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी मौजूद रहे।
विपक्ष ने संसद में उठाए जाने वाले 8 प्रमुख मुद्दे तय किए हैं, जिनमें पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, ट्रंप का बयान, डिलिमिटेशन, दलित-आदिवासी अत्याचार, विदेश नीति, और अहमदाबाद प्लेन हादसा शामिल हैं। विपक्ष ने साफ कहा कि वे सत्र की शांति चाहते हैं, लेकिन मोदी सरकार को इन मुद्दों पर जवाब देना होगा। मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा। सरकार चाहती है कि जरूरी विधायी कामकाज बिना बाधा के निपटे।