अहमदाबाद प्लेन हादसा: एअर इंडिया पर मुआवजा रोकने का आरोप, परिजन से मांगी जा रही वित्तीय जानकारी

दिल्ली। अहमदाबाद प्लेन क्रैश में मारे गए यात्रियों के परिजनों को मुआवजा देने से बचने के आरोपों में एअर इंडिया घिर गई है। ब्रिटेन की कानूनी फर्म स्टीवर्ट्स, जो 40 से अधिक पीड़ित परिवारों का केस लड़ रही है, ने एयरलाइन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
फर्म के एडवोकेट पीटर नीनन ने दावा किया कि एअर इंडिया परिजन से संवेदनशील वित्तीय जानकारी मांग रही है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून के विपरीत है। उनका कहना है कि एयरलाइन इस प्रक्रिया से करीब 1,050 करोड़ रुपए बचाना चाहती है। उन्होंने परिजनों को कानूनी विकल्प अपनाने और फॉर्म न भरने की सलाह दी है।
12 जून को हुए इस हादसे में एअर इंडिया के विमान में 242 यात्री सवार थे, जिनमें से केवल एक की जान बची। प्लेन मेडिकल हॉस्टल पर गिरा, जिससे कुल 270 लोगों की मौत हुई थी। नीनन ने आरोप लगाया कि एअर इंडिया ने न तो परिजनों को कोई कानूनी सहायता दी, न ही आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी। कुछ परिवारों पर दबाव डालकर जबरन फॉर्म भरवाए गए, और धमकी दी गई कि फॉर्म के बिना मुआवजा नहीं मिलेगा।
एअर इंडिया ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि ये दावे झूठे और आधारहीन हैं। एयरलाइन ने बताया कि फॉर्म का मकसद केवल पारिवारिक संबंधों की पुष्टि करना है, ताकि मुआवजा सही व्यक्ति को मिले। कंपनी ने यह भी कहा कि कुछ परिजनों को अंतरिम मुआवजा दिया जा चुका है और बाकी परिवारों को पूरी सहूलियत दी जा रही है।