अहमदाबाद हादसा: जिंदा बचे विश्वास बोले, रोज मर रहा हूं: कारोबार ठप

दिल्ली। अहमदाबाद विमान हादसे को छह महीने बीत चुके हैं, लेकिन इस त्रासदी में अकेले बचे विश्वास कुमार भालिया अब भी उसके सदमे से उबर नहीं पाए हैं। ब्रिटेन के लीसेस्टर लौट चुके विश्वास का कहना है, “मैं हर दिन मर रहा हूं।” हादसे में उनके भाई अजय समेत 241 लोगों की मौत हो गई थी।
विश्वास को हादसे में गंभीर चोटें आई थीं। वे अब भी चलने-फिरने में असमर्थ हैं और डॉक्टरों के मुताबिक पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) से जूझ रहे हैं। रात में डरकर उठ जाना, बातचीत से बचना और अकेले रहना उनकी दिनचर्या बन गई है। पिता रमेशभाई ने बताया कि बेटा अब कमरे से बाहर तक नहीं निकलता।
हादसे के बाद परिवार का दीव में चल रहा मछली पालन का कारोबार पूरी तरह ठप हो गया। विश्वास के वकील रैड सीगर ने एअर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन से मिलकर विशेष राहत पैकेज की मांग की है। अब तक कंपनी ने परिवार को करीब 22 लाख रुपए का अंतरिम मुआवजा दिया है, लेकिन वकील का कहना है कि यह राशि इलाज के लिए बहुत कम है।
12 जून को एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के बाद मेडिकल कॉलेज हॉस्टल से टकरा गई थी। हादसे में 270 से ज्यादा लोगों की जान गई थी, जिनमें डॉक्टर, छात्र और पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे।
एअर इंडिया ने कहा है कि वह सभी पीड़ित परिवारों से संपर्क में है और 95% को शुरुआती मुआवजा दिया जा चुका है। वहीं, विश्वास का परिवार अब भी सरकारी और कानूनी मदद की आस लगाए बैठा है। विश्वास की मौसी रमाबेन के अनुसार, “वो बच तो गया, लेकिन अब पहले जैसा नहीं रहा। उसकी आंखों में रोज वही हादसा लौट आता है।”



