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NTPC लारा प्रबंधन के खिलाफ पड़ोसी राज्य उड़ीसा में आंदोलन जारी, पिछले 24 घण्टे से NH 49 को बाधित कर सड़क पर बैठे प्रभावित

नितिन@रायगढ़। अपने कुप्रबंधन और तानाशाही रवैए को लेकर बदनाम एन.टी.पी.सी. लारा के खिलाफ पड़ोसी राज्य उड़ीसा के सीमावर्ती इलाके में जबरदस्त जन विरोध आंदोलन शुरू हो चुका है।

आपको बताना चाहेंगे कि एनटीपीसी लारा से प्रभावित उड़ीसा राज्य के ग्रामीण सैकड़ों की संख्या में एनएच 49 को बाधित करते हुए आंदोलन में बैठ गए है। यहां पिछले 24 घंटे से आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।  खबर है कि अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन पुलिस बल की तैनाती की तैयारी में लगा हुआ है इधर आंदोलन रत ग्रामीणों को समझाइस देने का सिलसिला भी चालू है।

बीती शाम एनटीपीसी लारा प्रबंधन की तरफ से कन्हैया दास एजीएम,रविंद्र बेहरा डीजीएम और डिप्टी कलेक्टर रायगढ़ सहित लखनपुर बीडीओ ने आंदोलन स्थल पर जाकर ग्रामीणों से बात करने की कोशिश की लेकिन वार्ता पूरी तरह से असफल रही। बताया जा रहा है कि एनएच 49 पर आंदोलन के लिए करीब 500, से 1000 की संख्या में ग्रामीण अलग_अलग  समूह में बैठे हुए है। ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर बीती पूरी रात नेशनल हाइवे को जाम कर धरने पर बैठे रहे।

एनटीपीसी लारा के खिलाफ बैठे ग्रामीणों की माने तो जब से छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के सीमांत इलाके में एनटीपीसी लारा का उत्पादन शुरू हुआ है,तब से उड़ीसा के एक दर्जन से अधिक गांवों में प्रदूषण की भारी समस्या आ खड़ी हुई है। प्लांट से निकलने वाले जहरीले राखड़ फ्लाई एश ने इन गांवों में रहने वाले हजारों लोगों का जीवन और आसपास के वातावरण में गहरा दुष्प्रभाव डाला है। हर साल एन टी पी सी लारा के राखड़ डेम से बारिश के समय बड़ी मात्रा में फ्लाई एस बहकर सैकड़ों एकड़ खेतों की फसल बर्बाद कर देती है। वहीं सूखे दिनों में राख उड़ कर लोगों के घरों में घुस जाता है जिससे उनके स्वास्थ्य और जनजीवन पर  बुरा प्रभाव पड़ रहा है। 

आंदोलन में बैठे ग्रामीणों का कहना है कि उनकी समस्या यहीं खत्म नहीं होती एनटीपीसी लारा की तरफ रोजाना जाने वाली हजारों भारी भरकम ट्रकों से प्रदूषण तो बढ़ा ही है आसपास की सड़के भी खराब हुई है। वही सड़कों में आए दिन होने वाली दुर्घटनाओ की वजह बड़ी संख्या में लोग मर भी रहे हैं। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे जनप्रतिनिधियों ने बताया कि पिछले कई सालों से वो एनटीपीसी लारा प्रबंधन को अपनी समस्या लिखित में दे रहे है लेकिन उनकी तरफ से कोई समाधान का प्रयास नही किया गया है। एनटीपीसी लारा भले ही छ ग में बना है परंतु उसका दुष्प्रभाव सबसे ज्यादा उड़ीसा के लोगों पर रहा है। इसके बावजूद एनटीपीसी लारा सीएसआर की राशि से यहां कोई जन हित का कार्य नही करवाता है न ही प्रभावित ग्राम पंचायतों में से किसी को रोजगार दे रहा है।

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