कोरोना के बाद अब जीबीएस का खतरा, सरगुजा में दो मरीज मिले

अंबिकापुर। कोरोना के बाद अब एक और बीमारी लोगों के लिए चिंता का कारण बन रही है। इस बीमारी का नाम है गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS)। सरगुजा संभाग में इस बीमारी के मरीज सामने आए हैं। कोरिया जिले में अब तक 5 मरीज मिल चुके हैं, जबकि सरगुजा से 2 मरीजों को रायपुर के एम्स अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया है।
डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, स्थिति नियंत्रण में है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया है और इलाज के लिए एम्स को तय किया गया है।
क्या है गुलियन बैरे सिंड्रोम?
यह एक न्यूरोलॉजिकल (नसों से जुड़ी) बीमारी है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) खुद शरीर पर हमला करने लगती है। मरीज को चलने, बोलने, निगलने और रोजमर्रा के काम करने में दिक्कत होती है। यह धीरे-धीरे पैरालिसिस की स्थिति बना सकती है।
कैसे होती है जांच और इलाज?
इस बीमारी की जांच खून, पेशाब और मांसपेशियों की गतिविधियों से होती है। इसका इलाज “इम्यूनोग्लोबिन” इंजेक्शन से किया जाता है, जो बहुत महंगा होता है—करीब डेढ़ से ढाई लाख रुपये तक।
स्थिति अभी नियंत्रण में
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोरिया जिले के 5 में से 3 मरीज ठीक हो चुके हैं और दो की हालत भी अब बेहतर है। सरगुजा के 2 मरीजों का इलाज रायपुर में चल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी मांसपेशियों पर असर डालती है और चलने-फिरने में परेशानी होती है। सरकार और डॉक्टर दोनों ही स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है, लेकिन डरने की नहीं।