
बिपत सारथी@मरवाही। (Marwahi) कोटा विधानसभा के एक गांव के आदिवासी बच्चे इन दिनों जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर है। जहां बच्चों को खुद जान जोखिम में डालकर नदी पार करवाते हुये इन बच्चों के अभिभावकों को देखा जा सकता है। जिस दृष्य में एक तो बच्चों का पढाई के लिये जज्बा दिखता है तो इन बच्चों को पढाने के लिये अभिभावकों का हौसला भी नजर आ रहा है।
(Marwahi) कोटा विधानसभा के कोटा ब्लॉक अंर्तगत अंतिम छोर पर बसे ग्राम पंचायत मोहली के 5 आश्रित ग्राम के रहने वाले राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाले बैगा जनजाति के बच्चों की हालत चिंताजनक है। जहां इन गांव के रहने वाले बच्चे एक बार फिर स्कूल खुलने के बाद अब अरपा नदी को पार करते हुये नजर आ रहे है और रोजाना इसी तरह पार करके घर से स्कूल और स्कूल से घर आना जाना कर रहे हैं।
मूलभूत सुविधा शिक्षा स्वास्थ्य एवं रोजगार के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर उफनती अरपा नदी को पार करने के लिए मजबूर सासन प्रशासन आंख बंद करके बैठा है।’
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स्थानीय लोगों का कहना भी है कि प्रदेश में सरकार जिसकी भी बनी हो इस क्षेत्र की सिर्फ अनदेखी हुई है। ऐसे लचर व्यवस्था पर इस क्षेत्र के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को शर्म आनी चाहिए।
(Marwahi) वहीं कोटा विधायक रेणु जोगी ने कहा कि इन गांवों को जोड़ने के लिये कुछ साल पहले ही एक बड़ा पुल बनवा दिया गया था। पर ग्रामीण और बच्चे शार्टकट के चक्कर में इस प्रकार नदी को पार करने का जोखिम उठा रहे हैं।