छत्तीसगढ़ कोल लेवी मामला: सौम्या चौसरिया की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

रायपुर। छत्तीसगढ़ कोल लेवी मामले में गिरफ्तार सौम्या चौसरिया की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। बताया जा रहा है कि सौम्या चौरसिया ने कोर्ट में गलत जानकारी दी थी, जिसके चलते 1 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है। बीते 5 दिसंबर को सौम्या चौरसिया की इस याचिका पर सुनवाई जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच में ही हुई थी, जिसमें बहस के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया। 14 दिसंबर को कोर्ट ने फैसला दिया। जिसमें सौम्या चौरसिया को झटका लगा है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के पूर्ववर्ती भूपेश सरकार में सौम्या चौरसिया उप सचिव के पद पर तैनात थीं। कोल लेवी मामले में सौम्या चौरसिया को बीते साल यानी 2 दिसंबर 2022 को ईडी ने गिरफ्तार किया था, उसके बाद से सौम्या चौरसिया लगातार केंद्रीय जेल में बंद हैं।
क्या है पूरा मामला ?
सौम्या चौरसिया को ईडी ने 500 करोड़ से ज्यादा के कोयला घोटाला मामले में गिरफ्तार किया है। सौम्या चौरसिया को लेकर ईडी का आरोप है कि कोयला ट्रांसपोर्ट में 25 रुपए टन की लेवी ली जाती थी। ईडी ने इस इस मामले का किंगपिन सूर्यकांत तिवारी को बताया गया है। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि लेवी वसूलने के लिए नियमों को बदलकर उसे मैनुअल कर दिया गया। ईडी के अनुसार सूर्यकान्त तिवारी बेहद प्रभावशाली था, सूर्यकांत को असीमित शक्ति और प्रभाव कार्यवाहक सीएम भूपेश की (निलंबित) उप सचिव सौम्या चौरसिया से मिलती थी। ईडी का आरोप है कि सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाला और लेवी वसूली से रकम मिलती थी जिससे संपत्ति अर्जित की।