छत्तीसगढ़ में आभा आईडी से गैर संचारी रोगों का इलाज हुआ आसान

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब गैर संचारी रोग (एनसीडी) जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, और कैंसर के इलाज में आभा आईडी एक अहम भूमिका निभा रही है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत शुरू की गई आभा आईडी मरीजों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखने और डॉक्टरों के साथ आसानी से साझा करने में मदद करती है। इससे इलाज की गुणवत्ता में भी सुधार हो रहा है।

आभा आईडी का फायदा यह है कि मरीज अब अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में रख सकते हैं, और इसे अस्पतालों, क्लीनिकों और लैब्स के साथ आसानी से साझा कर सकते हैं। इस प्रक्रिया से स्क्रीनिंग, डायग्नोसिस और इलाज में बहुत सुधार हुआ है। छत्तीसगढ़ में आभा आईडी को एनसीडी पोर्टल से जोड़ा गया है, जिससे मरीजों की देखभाल और मॉनिटरिंग सरल हो गई है।

डॉ. प्रियंका शुक्ला, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, ने कहा कि आभा आईडी बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इससे एनसीडी बीमारियों की रोकथाम और प्रबंधन में मदद मिल रही है। दुर्ग जिले में इस पहल का सकारात्मक असर देखने को मिला है। जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच, 12,627 आभा आईडी एनसीडी मरीजों के रिकॉर्ड से जुड़ीं, जिससे मरीजों का फॉलोअप रेट 68 प्रतिशत तक पहुंच गया। आभा आईडी से जुड़ी मरीजों में ब्लड प्रेशर और डायबिटीज नियंत्रण में भी सुधार हुआ है। इस पहल से स्वास्थ्य सेवाओं में विश्वास बढ़ा है और यह बीमारियों की रोकथाम में मददगार साबित हो रही है।

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