मलेरिया पर करारा प्रहार, ‘शून्य मलेरिया’ की ओर छत्तीसगढ़

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने मलेरिया के स्थायी उन्मूलन की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ा दिए हैं। ‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’ के 12वें चरण के तहत राज्य के 10 जिलों में व्यापक जांच, उपचार और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
25 जून से जारी इस अभियान में अब तक 19,402 घरों का दौरा कर 98,594 लोगों की रक्त जांच की गई, जिनमें 1,265 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए। खास बात यह रही कि सभी मरीजों को मौके पर ही दवा की पहली खुराक दी गई, साथ ही स्थानीय खाद्य पदार्थ खिलाकर दवा का सुरक्षित असर सुनिश्चित किया गया। प्रत्येक मरीज को उपचार कार्ड भी दिया गया, ताकि नियमित निगरानी की जा सके।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि मलेरिया से लड़ाई अब केवल इलाज की नहीं, बल्कि रणनीति और जनसहभागिता की लड़ाई बन गई है। सरकार का लक्ष्य 2027 तक ‘शून्य मलेरिया’ और 2030 तक ‘पूर्ण मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़’ का है।
इस अभियान का सबसे सकारात्मक असर बस्तर संभाग में देखा गया है, जहां 2015 की तुलना में मलेरिया मामलों में 71 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश का वार्षिक परजीवी सूचकांक (API) भी 27.40 से घटकर 7.11 पर आ गया है, जो सरकार की सतत और वैज्ञानिक रणनीति का परिणाम है।
स्वास्थ्य विभाग की आयुक्त डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि प्रदेश का फोकस लक्षणरहित मलेरिया के मामलों की पहचान और इलाज पर है, ताकि संक्रमण की कोई गुंजाइश न रहे। इस अभियान में मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, ग्राम पंचायतों और स्वयंसेवी संगठनों की अहम भूमिका रही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह अभियान न सिर्फ छत्तीसगढ़ के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरक मॉडल बनेगा।