नक्सल प्रभावित जिलों में विकास कार्यों की समीक्षा: गांव-गांव तक योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित करने के निर्देश

रायपुर। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह ने शुक्रवार को मंत्रालय महानदी भवन में नक्सल प्रभावित जिलों की विकास योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कांकेर, नारायणपुर, कोंडागांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और गरियाबंद सहित सभी प्रभावित जिलों के कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक जुड़े।
समीक्षा में बताया गया कि एलडब्ल्यूई प्रभावित क्षेत्रों में 99% से अधिक आधार पंजीकरण पूरा हो चुका है। लगभग 28.18 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है, जबकि 26.21 लाख हितग्राहियों के जनधन खाते खोले जा चुके हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत 35.66 लाख लोगों को गंभीर बीमारियों के उपचार की सुविधा दी जा रही है। ग्रामीण कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं और बैंकिंग सुविधाएं बढ़ाने हेतु बैंकों व डाकघरों की शाखाएं खोली जा रही हैं।
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि मनरेगा के सभी पात्र हितग्राहियों को जॉब कार्ड उपलब्ध कर रोजगार सुनिश्चित किया जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत आवासों का निर्माण जल्द पूरा हो और आत्मसमर्पित नक्सलियों को भी आवास उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने महतारी वंदन योजना के अपात्र बचे हितग्राहियों का सर्वे शीघ्र कर लाभ पहुंचाने पर जोर दिया।
बैठक में यह भी तय हुआ कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को कौशल विकास योजना के तहत क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा। भवन-विहीन प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं का निर्माण प्राथमिकता से किया जाएगा ताकि दोनों स्तर के विद्यालय एक ही परिसर में संचालित हो सकें। वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, वित्त सचिव मुकेश बंसल, शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, पीडब्ल्यूडी सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी और सभी जिलों के कलेक्टर-पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे।