बिना अनुमति सड़कों पर पंडाल लगाने पर हाईकोर्ट सख्त, कहा- लागू रहेंगी पुरानी गाइडलाइंस

रायपुर। त्योहारी सीजन में बिना अनुमति के सड़कों पर पंडाल और स्वागत द्वार लगाकर रास्ता रोकने के मामलों को लेकर हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने साफ कहा है कि जब तक नई गाइडलाइंस नहीं बन जाती, तब तक पुरानी गाइडलाइंस लागू रहेंगी।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की बेंच में यह मामला सुना गया। शासन की ओर से कहा गया कि नई गाइडलाइन तैयार की जा रही है, जिसमें कई विभागों से राय ली जा रही है, इसलिए कुछ समय लगेगा।
वर्तमान में लागू गाइडलाइन क्या है
22 अप्रैल 2022 को छत्तीसगढ़ शासन के गृह विभाग ने एक आदेश जारी किया था। इसके अनुसार, किसी भी सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक या सार्वजनिक आयोजन के लिए कलेक्टर से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है।
इन आयोजनों में धरना, रैली, जुलूस, पंडाल, भूख हड़ताल आदि शामिल हैं। इसके लिए तय प्रारूप में आवेदन और घोषणा पत्र देना होता है।
याचिकाकर्ता का क्या कहना है
रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने याचिका दाखिल करते हुए बताया कि साल 2022, 2023 और 2024 में गणेश और दुर्गा पंडालों के लिए कलेक्टर या नगर निगम से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। दोनों ही कार्यालयों ने लिखित में बताया कि इन आयोजनों के लिए कोई इजाजत नहीं दी गई थी।
उन्होंने कहा कि त्योहारी समय में बिना अनुमति के सड़कों पर आयोजन होने से सड़कें जाम हो जाती हैं और आम लोगों को परेशानी होती है, खासकर उन इलाकों में जहां पहले से ही पार्किंग की समस्या है।
हाईकोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि जब तक नई व्यवस्था लागू नहीं होती, पुरानी नियमों का पालन करना जरूरी होगा।