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विकसित छत्तीसगढ़ का नया दौर: सुशासन, निवेश और जनकल्याण से राज्य में तेजी से बढ़ रहा विकास

रायपुर। छत्तीसगढ़ विकसित भारत के विज़न के साथ तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। राज्य में बीते दो वर्षों में अधोसंरचना विस्तार, औद्योगिकीकरण और सुशासन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ दर्ज हुई हैं।

डिफेंस, आईटी, एआई और ग्रीन एनर्जी जैसे उभरते क्षेत्रों को नई औद्योगिक नीति में विशेष पैकेज देने से निवेश का माहौल मजबूत हुआ है। अब तक 7.69 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त होना इस बात का प्रमाण है कि राज्य में विकास, विश्वास और सुरक्षा का नया वातावरण तैयार हो चुका है। लंबे समय से विकास में बाधक रहा माओवाद अब कमजोर पड़ रहा है और अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। मंत्रालय में 1 दिसंबर से लागू बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली ने प्रशासनिक कार्यसंस्कृति को अधिक अनुशासित और परिणाम आधारित बनाया है। इसी क्रम में नवा रायपुर के नए विधानसभा भवन का प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पण राज्य के राजनीतिक इतिहास का यादगार क्षण बना है, जो विकसित छत्तीसगढ़ की नई सोच का प्रतीक है।

बस्तर और सरगुजा क्षेत्रों में सड़क, रेल, स्वास्थ्य और संचार की परियोजनाओं ने वहां के पिछड़ेपन को दूर करने की दिशा में नई उम्मीद जगाई है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने और होमस्टे पॉलिसी व ईको-टूरिज़्म प्रावधानों से बस्तर में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। नियद नेल्ला नार योजना के तहत सुरक्षा कैंपों के माध्यम से मूलभूत सुविधाएँ और सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है।

सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल की दिशा में जल जीवन मिशन से 40 लाख घरों को स्वच्छ पेयजल, पीएम आवास के तहत 26 लाख परिवारों को आवास स्वीकृति और महतारी वंदन योजना से 70 लाख महिलाओं को आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है। किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति दी है। खेती-किसानी में बढ़ते निवेश से बाजारों में रौनक है और शहरी अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो रही है।

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