बस्तर में शांति का नया अध्याय: 65 लाख के इनामी 10 नक्सली सरेंडर, सरकार बोली- भरोसा बढ़ रहा

रायपुर। बस्तर में शांति और विकास की दिशा में एक और अहम कदम सामने आया है।
प्रदेश में लागू “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन” के प्रभाव से लगातार बड़ी संख्या में माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को 65 लाख रुपए के इनाम वाले 10 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का वरिष्ठ सदस्य और 25 लाख का इनामी चैतू उर्फ श्याम दादा भी शामिल है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस सरेंडर को “बदलते बस्तर और सरकार की नीतियों पर बढ़ते भरोसे का प्रमाण” बताया। उन्होंने कहा कि सरकार की मानव-केंद्रित और संवेदनशील पहल ने लोगों के मन में विश्वास पैदा किया है। वर्षों तक हिंसा और आतंक में फँसे कई माओवादी अब विकास और मुख्यधारा का हिस्सा बनने का निर्णय ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि सभी आत्मसमर्पित माओवादियों को सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता से जुड़े पुनर्वास लाभ तय प्रावधानों के अनुसार मिलेंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी प्रतिबद्धता, पुलिस की निरंतर कार्रवाई और जनता के सहयोग ने बस्तर को नई दिशा दिखाई है।
मुख्यमंत्री साय के अनुसार बढ़ते आत्मसमर्पण यह साफ संकेत हैं कि बस्तर में स्थायी शांति की नींव मजबूत हो रही है। पुलिस-प्रशासन की रणनीति, फील्ड में लगातार की जा रही कार्रवाई और सरकार की पुनर्वास नीति मिलकर वह माहौल तैयार कर रही हैं, जहाँ लोग पहली बार यह महसूस कर रहे हैं कि हिंसा का रास्ता छोड़कर सुरक्षित जीवन संभव है।



