Koreya: कलेक्टर के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रक्षेत्र परीक्षण में सौंफ के खेती बनेगी लाभ की खेती, मसाला फसल एवं सगंध तेल के रूप में एक अच्छा विकल्प

बैकुंठपुर। (Koreya) छत्तीसगढ़ के उत्तरी पहाड़ी क्षेत्रों में सौंफ की खेती फसल विविधीकरण के अंतर्गत मसाला फसल के रूप में एक अच्छा विकल्प हो सकती है। सौंफ की खेती की कोरिया जिले में संभावना के परिदृश्य में विगत 3 वर्षों से लगातार कृषि विज्ञान केंद्र के प्रक्षेत्र व गौठान ग्रामों प्रक्षेत्र में परीक्षण कार्य इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के सगंध व मसाला उत्कृष्ता केंद्र तथा सुपारी व मसाला निदेशालय कालीकट के तकनिकी मार्गदर्शन में प्रायोगिक तौर पर किया जा रहा है। परीक्षण में सौंफ का उत्पादन अनुकूल पाया गया है। कलेक्टर एस. एन. राठौर के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन के सहयोग से यहां डिस्टिलेशन यूनिट भी लगाई गई है जिससे सौंफ का तेल भी निकाला जा रहा है।
केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर. एस. राजपूत बताते हैं कि कोरिया जिले में सौंफ उत्पादन हेतु सौंफ की उन्नत किस्म अजमेर सौंफ 2 का रोपण किया गया। किस्म अजमेर सौंफ 2 का विकास राष्ट्रीय बीज मसाला अनुसन्धान केंद्र, अजमेर दवारा किया गया है। अजमेर सौंफ 2 का पौधा बड़ा व शाखा युक्त होता है तथा बड़े आकार के पुष्प छत्रक होते है दाने बोल्ड एवं अजमेर सौंफ 2 किस्म 180-190 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। अजमेर सौंफ 2 किस्म की रोग प्रतिरोधकता क्षमता भी अधिक होती है। एक एकड़ क्षेत्रफल से औसतन 6-7 क्विन्टल उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। (Koreya) इस तरह प्रति एकड़ लगभग 60000-70000 रूपए की सकल आय प्राप्त कर सकते है। सौंफ की खेती में औसतन 26000 से 28000 रूपए की लागत प्रति एकड़ आती है। इस तरह कुल शुद्ध आमदनी रूपए 34000 से 42000 प्राप्त की जा सकती है।
(Koreya) सौंफ के बीज के क्षत्रक तोड़ने के बाद पुरे पौधे को काटकर 50 प्रतिशत नमी की स्थिति में सुखी पत्तियों व टहनियों से सौंफ का सगंध तेल प्राप्त किया जा सकता है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार सौंफ के बीज में 2 प्रतिशत, पत्तियों में 0.01 प्रतिशत व सुखी टहनियों में 0.22 प्रतिशत तक सगंध तेल पाया जाता है। सगंध तेल निष्कासन की अधिक मात्रा के लिए 50 प्रतिशत सुखी पत्तियां व टहनिया व 50 प्रतिशत हरी पत्तियां व टहनिया का प्रयोग किया जा सकता है। 100 किलोग्राम हर्ब्स से 200 से 220 ग्राम सगंध तेल प्राप्त किया जा सकता है। एक एकड़ क्षेत्रफल से करीब 500 से 600 किलोग्राम हर्ब्स प्राप्त होता है। इस तरह एक एकड़ से 1.0 से 1.2 किलोग्राम सौंफ का सगंध तेल निकाला जा सकता है। बाजार में विपणन हेतु सौंफ के सगंध तेल की कीमत लगभग 3000 से 5000 रुपये प्रति किलोग्राम है।
सौंफ के ये हैं लाभ
सौंफ तेल का मुख्य घटक एनेथोल और एनीस तेल है। सौंफ के तेल में 50-60 प्रतिशत एनेथोल होता है। जबकि अनीस तेल इसमें लगभग 80-90 प्रतिशत एनेथोल शामिल हैं। सौंफ के तेल की गुणवत्ता एनेथोल की मात्रा से निर्धारित होता है। सौंफ के तेल में बेहतर गुण होता है अगर इसमें एनेथोल की मात्रा अधिक हो। सौंफ के बीज के तेल में आयरन का 65.1473 पीपीएम होता है। सौंफ तेल के गुणकारी, स्वादिष्ट स्वभाव के कारण, यह कई प्रकार के अनूठे व्यंजनों में एक दिलकश, मजबूत स्वाद जोड़ सकता है। यदि आप सुस्त या फूला हुआ महसूस कर रहे हैं, तो सौंफ का तेल आंतरिक रूप से लें, क्योंकि यह स्वस्थ चयापचय, यकृत कार्य और परिसंचरण को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। जब आंतरिक रूप से लिया जाता है, तो सौंफ तेल भी फेफड़ों और श्वसन तंत्र के स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद कर सकता है। सौंफ का तेल त्वचा सहित शरीर के कई भागों में शांत और सुखदायक हो सकता है। संसाधित चीनी और मिठाई से बचने की कोशिश करते समय सौंफ आवश्यक तेल का स्वाभाविक रूप से मीठा स्वाद उपयोगी हो सकता है