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सौम्या चौरसिया के खिलाफ चलेगा 348 करोड़ के टैक्स चोरी का मुकदमा, दिल्ली हाईकोर्ट ने दी मंजूरी

रायपुर। दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया को बड़ा झटका देते हुए उनके खिलाफ 348 करोड़ रुपये की कथित कर चोरी मामले में अभियोजन चलाने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने सौम्या चौरसिया की याचिका खारिज करते हुए आयकर विभाग के फैसले को बरकरार रखा है।

न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति विनोद कुमार की खंडपीठ ने कहा कि प्रधान आयकर आयुक्त (PCIT) द्वारा दी गई अभियोजन स्वीकृति पूरी तरह वैध है। साथ ही कोर्ट ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) सर्कुलर नंबर 5/2020 को भी संवैधानिक रूप से सही ठहराया। यह सर्कुलर आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) में पेनल्टी की पुष्टि से पहले ही अभियोजन की अनुमति देता है।

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह सर्कुलर संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता। अदालत के अनुसार, इसका उद्देश्य केवल गंभीर और बड़े कर चोरी मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करना है, जबकि छोटे मामलों में अपीलीय प्रक्रिया पूरी होने की प्रतीक्षा की जाती है।

2020 में आयकर विभाग ने मारा था छापा

गौरतलब है कि वर्ष 2020 में सौम्या चौरसिया के भिलाई स्थित आवास पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ में विभिन्न कारोबारी लेन-देन से जुड़ी कथित बेहिसाबी आय की जांच के तहत हुई थी। बाद में मामला दिल्ली में केंद्रीकृत किया गया। वर्ष 2011-12 से 2022-23 तक के आठ वित्तीय वर्षों में कुल 348 करोड़ रुपये से अधिक की कर देनदारी आंकी गई।

इस दौरान सौम्या चौरसिया के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) भी कथित कोयला लेवी और शराब नीति मामलों में जांच कर रही हैं। उन्हें 2022 में गिरफ्तार किया गया था, जबकि 2024 में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी। कोर्ट ने कहा कि तलाशी और सर्वे मामलों में प्रिंसपल कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स (PCIT) की अनुमति से किसी भी चरण में अभियोजन शुरू किया जा सकता है।  

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