Ambikapur news: विदेश में खेलने का था सपना, आज खेतों में कर रही धान की रोपाई, आखिर क्या है मजबूरी, देखिए
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शिव शंकर साहनी@सरगुजा। (Ambikapur news)जिले के बतौली विकासखण्ड के ग्राम कछारडीह
निवासी नेहा कुजूर कुश्ती की इंटरनेशनल और तीरंदाज की नेशनल प्लेयर हैं।
अब हालात ऐसे है कि नेशनल प्लेयर आज माता-पिता के साथ खेत में धान रोपाई का काम कर रही है।
इन दिनों अपने माता-पिता के साथ खेत में धान की रोपाई का काम कर रही हैं।
इसके पीछे का कारण खेत गिरवी रखकर जो कर्ज लिया गया है,
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(Ambikapur news)उसे धान बेचकर जल्टी माता-पिता पटा सके।
इस वजह से नहीं जा पाई विदेश
नेहा कुजूर ने बताया कि उसके पिता गांव कोटवार है और उनके पिता के पास इतनी आमदनी नहीं है।
वह उसे विदेश भेज पाए।
इसलिए 2019 में जब अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में नेहा थाईलैंड जाने वाली थी।
तो उन्होंने 30 हजार रुपये में अपनी खेत गिरवी रख दिया था।
नेहा पासपोर्ट बनवाकर दिल्ली तक गई। लेकिन नाबालिग होने के कारण और साथ में अभिभावकों के
नहीं होने के कारण उसे विदेश नहीं जाने दिया गया।
(Ambikapur news)नेहा को खेल के क्षेत्र में कई बार देश-विदेश में शील्ड और प्रमाण पत्र से भी नवाजा गया है
नेहा नेपाल सहित कई देशों में अपनी सहभागिता निभा चुकी है
पिता ने कहीं ये बात
नेहा कुजूर के पिता विदेश्वर कुजूर ने बताया कि वह कोटवार है।
खेती किसानी कर अपना जीवन यापन करते हैं।
पिता ने कहा कि वह अपनी बेटी को अंतराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए कर्ज लिया था।
जिसे पटाने में उनकी बेटी नेहा उनकी बहुत मदद कर रही है।
नेहा कुजूर उनके साथ अपने घर के पूरें कामकाज सहित खेतों में रोपाई करने का काम करती है।
ताकि उन्हें ज्यादा परेशानी न हों।
खेती के सीजन में भी वह खेतों में रोपाई करने का काम करती है।
ताकि कुछ आमदनी और मिल सकें।