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उद्योग हितैषी नीति का असर: छत्तीसगढ़ को 7.69 लाख करोड़ का निवेश, 2,400 से अधिक नए उद्योग स्थापित

रायपुर। राज्य सरकार की उद्योग हितैषी नीतियों का असर अब जमीन पर दिखने लगा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर लागू की गई नई औद्योगिक नीति (2024–30) ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है।

जनवरी 2024 से अक्टूबर 2025 तक छत्तीसगढ़ में 2,415 नए उद्योग स्थापित हुए, जिनमें 18,058 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आया और 42,500 से ज्यादा रोजगार सृजित हुए। इस अवधि में उद्योगों को 1,000 करोड़ से अधिक की अनुदान राशि भी जारी की गई।

नई औद्योगिक विकास नीति 1 नवंबर 2024 से लागू है। इसे पहली बार रोजगार उन्मुख बनाया गया है। प्रशिक्षण सब्सिडी, ईपीएफ प्रतिपूर्ति और 1,000 से अधिक रोजगार देने वाले उद्योगों के लिए कस्टमाइज्ड पैकेज की व्यवस्था की गई है। 27 मई 2025 के संशोधन के बाद श्रम-प्रधान उद्योगों के लिए रोजगार सृजन सब्सिडी व एम्प्लॉयमेंट मल्टिप्लायर जोड़े गए।

सेवा क्षेत्र का दायरा भी बढ़ाते हुए 43 श्रेणियाँ शामिल की गईं। पर्यटन, स्वास्थ्य, निजी विश्वविद्यालय और स्पोर्ट्स अकादमियों को पहली बार औद्योगिक नीति में जगह दी गई है। रायपुर, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, ओसाका और अहमदाबाद में आयोजित इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रमों के चलते राज्य को अब तक 7.69 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें स्टील, पावर, टेक्सटाइल, आईटी, बीपीओ और सेमीकंडक्टर शामिल हैं। नवा रायपुर में देश का पहला AI डेटा सेंटर और सेमीकंडक्टर यूनिट के लिए 11,000 करोड़ के प्रस्ताव मिले हैं।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत अनुपालन बोझ घटाने के लिए 1,167 जटिल प्रावधानों की पहचान कर डिजिटलाइजेशन, सरलीकरण और अपराधमुक्तिकरण किया गया। राज्य ने बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान के 435 प्रावधान लागू कर 4 श्रेणियों में टॉप अचीवर स्थान हासिल किया है।

औद्योगिक भूमि आवंटन को पारदर्शी बनाने के लिए ई-टेंडरिंग व्यवस्था लागू की गई। एक वर्ष में 7 औद्योगिक पार्क स्थापित हुए हैं और 7 नए स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किए जा रहे हैं। निर्यात बढ़ाने के लिए राज्य ने IIFT कोलकाता के साथ एमओयू कर एक्सपोर्ट फैसिलिटेशन काउंसिल गठित की है।

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