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स्वतंत्रता सेनानियों और पूर्व सैनिकों की स्मृति संरक्षण के लिए राज्यपाल की पहल

सेनानी रामकृष्ण तिवारी की वीर विरासत को सहेजने पर जोर

रायपुर। राज्यपाल रमेन डेका ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और देश की रक्षा में योगदान देने वाले पूर्व सैनिकों की स्मृतियों को संरक्षित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी है कि जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया, उनकी गाथाओं को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाया जाए।

लोक भवन में रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह के साथ हुई बैठक में राज्यपाल ने विशेष रूप से स्वतंत्रता सेनानी रामकृष्ण तिवारी के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि रामकृष्ण तिवारी और उनके परिवार ने आजादी की लड़ाई में जो बलिदान दिया, वह हमेशा अविस्मरणीय रहेगा। जेल यातनाओं, त्याग और संघर्ष की उनकी गाथा नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है।

राज्यपाल ने निर्देशित किया कि रामकृष्ण तिवारी से जुड़े अभिलेख, स्मृतियों और उनके ऐतिहासिक अवदान को संरक्षित करने के लिए प्रशासन तत्काल कार्यवाही शुरू करे। इन दस्तावेजों को संग्रहालय, डिजिटल आर्काइव और स्थायी प्रदर्शनियों के माध्यम से सुरक्षित और उपलब्ध कराया जाए।

इसके साथ ही उन्होंने रायपुर में ऐसी ऐतिहासिक और पहचान योग्य स्थलों की पहचान करने के निर्देश दिए, जहाँ स्मारक, सूचना पट्ट या स्मृति गैलरी स्थापित की जा सके। उन्होंने कहा कि यह कार्य सरकार और समाज के संयुक्त प्रयास से ही सफलतापूर्वक पूरा हो सकता है।

राज्यपाल डेका ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों और पूर्व सैनिकों की जीवन गाथाएं राष्ट्र की धरोहर हैं। उनके पराक्रम को सम्मानित करना केवल श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और मूल्यों का संरक्षण भी है। उन्होंने भरोसा जताया कि इस पहल से युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना सुदृढ़ होगी और गौरवपूर्ण इतिहास सदा जीवंत रहेगा।

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