
दिल्ली। देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रही वोटर लिस्ट अपडेट प्रक्रिया, स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR), 11 दिसंबर तक चलेगी। इसी बीच तमिलनाडु में अब तक मिले आंकड़ों के अनुसार मसौदा मतदाता सूची से 84 लाख से ज्यादा वोटर्स का नाम कट सकता है।
राज्य में 84.91 लाख एन्यूमरेशन फॉर्म अनकलेक्टेबल श्रेणी में हैं। इनमें अधूरी जानकारी, 2003 की लिस्ट में नाम न मिलना, वोटर की मृत्यु या शिफ्ट हो जाना प्रमुख कारण हैं। बंगाल में अनकलेक्टेबल फॉर्म की संख्या 54.59 लाख है। केरल में स्थायी रूप से शिफ्ट या मृत वोटरों की संख्या 20 लाख से ज्यादा है।
SIR प्रक्रिया 28 अक्टूबर से शुरू हुई थी। इस दौरान नए वोटरों के नाम जोड़े जाएंगे, गलतियों को सुधारा जाएगा और पुराने वोटरों की स्थिति अपडेट होगी। तमिलनाडु में कुल 6.41 करोड़ मतदाताओं में से 44.22 लाख फॉर्म शिफ्ट श्रेणी में, 26.18 लाख मृत, 10.73 लाख अनुपस्थित और 3.5 लाख डुप्लीकेट श्रेणी में हैं। केरल में 7.39 लाख स्थायी शिफ्ट, 6.11 लाख मृत और 1.12 लाख डुप्लीकेट वोटर हैं। बंगाल में 23.71 लाख मृत, 10.25 लाख लापता, 19.08 लाख शिफ्ट और 1.26 लाख डुप्लीकेट वोटर दर्ज हैं। मध्य प्रदेश में 14.88 लाख वोटर 2003 की लिस्ट से मैच नहीं कर रहे, इसलिए उनके नाम कटने की संभावना है।
यूपी पुलिस ने पहली बार SIR फॉर्म में गलत जानकारी देने पर मामला दर्ज किया है। रामपुर में एक परिवार ने विदेश में रहने वाले अपने सदस्यों के फॉर्म गलत तरीके से भरे और जाली दस्तखत किए। यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 31 का उल्लंघन है।
चुनाव आयोग ने SIR की समय सीमा 11 दिसंबर तक बढ़ा दी है। ड्राफ्ट लिस्ट 16 दिसंबर को जारी होगी और अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी। आयोग ने जिला प्रशासन को अनकलेक्टेबल फॉर्म की क्रॉस-चेकिंग करने के निर्देश दिए हैं, ताकि नाम कटने या जोड़ने में कोई समस्या न आए।





