नगर निगम को चाहिए नया सेटअप: इंजीनियरों की भारी कमी से विकास कार्य प्रभावित, मेयर ने की मांग

बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम पिछले छह सालों से नए सेटअप की मांग कर रहा है। हाल ही में नगर निगम महापौर पूजा विधानी ने उपमुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव से मुलाकात कर बताया कि स्टाफ की लगातार कमी के कारण विकास कार्यों की रफ्तार धीमी पड़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि कई कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं और उनके स्थान पर नए कर्मचारियों की भर्ती नहीं की गई, जिससे बुनियादी सुविधाओं पर असर पड़ रहा है।
साल 2019 में हुए वार्ड परिसीमन के बाद बिलासपुर नगर निगम का क्षेत्र 30 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 133 वर्ग किलोमीटर हो गया था। वार्ड भी 56 से बढ़कर 70 हो गए। हालांकि क्षेत्र और जनसंख्या बढ़ने के बाद भी इंजीनियरों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की गई।
इंजीनियरों की सबसे ज्यादा कमी जोन कार्यालयों में महसूस की जा रही है। जोन क्रमांक-1 में छह वार्डों पर कामकाज एकमात्र सब इंजीनियर के भरोसे चल रहा है। वहीं कार्यकारी अभियंता को स्मार्ट सिटी और अन्य विभागों का अतिरिक्त दायित्व भी संभालना पड़ रहा है। जोन-3 में ईई प्रवीण शुक्ला एक साथ कई प्रभारों का बोझ उठा रहे हैं। लगभग हर जोन में स्टाफ की इसी तरह की स्थिति बनी हुई है।
निगम में इंजीनियरों के कई अहम पद पहले से ही खाली हैं। स्थापना शाखा प्रभारी प्रवेश कश्यप के अनुसार, ईई किरण सोनी अभी रिटायर हुए हैं। जनवरी में एसई संजय शर्मा और प्रवीण शुक्ला, जबकि सितंबर में प्रभारी मुख्य अभियंता आरके मिश्रा भी सेवानिवृत्त होंगे। ऐसे में इंजीनियरों की कमी और गंभीर रूप ले सकती है।
फिलहाल निगम में 50 से अधिक इंजीनियर पद रिक्त हैं। इनमें सीई का 1, ईई के 6, एई के 18 और सब इंजीनियर के 22 पद शामिल हैं। अब नगर निगम उम्मीद कर रहा है कि सरकार जल्द नए सेटअप को मंजूरी दे ताकि क्षेत्र के अनुरूप पानी, सड़क और अन्य शहरी सेवाओं को सुचारू किया जा सके।





