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नर्सिंग प्रवेश प्रक्रिया पर विवाद: पर्सेंटाइल छूट और तारीख बढ़ाने का गुपचुप पत्र

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीएससी नर्सिंग सत्र 2025-26 की प्रवेश प्रक्रिया को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

निजी नर्सिंग महाविद्यालय संघ ने राज्य सरकार से मांग की है कि प्री नर्सिंग टेस्ट (PNT) में पर्सेंटाइल कटऑफ समाप्त कर इसे शून्य पर्सेंटाइल किया जाए और प्रवेश की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाई जाए। इस संबंध में संचालक, चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC), नई दिल्ली को पत्र भेजा, जिसमें तर्क दिया गया कि आदिवासी बहुल राज्य होने के कारण छात्रों के लिए उच्च पर्सेंटाइल स्कोर करना चुनौतीपूर्ण है।

लेकिन इस प्रक्रिया के पीछे प्रशासनिक खेल भी सामने आया है। 27 नवंबर की रात आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग शिखा राजपूत तिवारी का ट्रांसफर हुआ और अगले दिन नया आयुक्त चार्ज नहीं लिया। इसी एक दिन की रिक्ति का फायदा उठाकर संचालक ने बिना आयुक्त या प्रमुख सचिव की अनुमति के नर्सिंग कॉलेज संचालकों के पक्ष में पत्र जारी कर दिया। विभागीय नियमों के अनुसार ऐसे संवेदनशील निर्णय केवल आयुक्त या मंत्री स्तर से अनुमोदित होकर ही जारी किए जा सकते हैं।

जानकारों का कहना है कि पिछले वर्षों से यही पैटर्न चलता आ रहा है। हर साल 30 हजार से ज्यादा छात्र परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन सीटें नहीं भरतीं। ऐसे में कम पर्सेंटाइल वाले छात्रों को भी प्रवेश दिलाने के लिए दबाव बनाया जाता है। इस बार भी इसी तरह कॉलेज संचालकों की मांग पर पर्सेंटाइल कम करने और प्रवेश की तारीख बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया।

विभागीय फाइलों में यह भी पता चला कि मंत्री ने केवल अन्य राज्यों में प्रवेश प्रक्रिया के संचालन की जानकारी मांगी थी, किसी पत्र या नीतिगत बदलाव का आदेश नहीं दिया था। प्रदेश में कुल 7,811 सीटों में से 4,147 अभी भी खाली हैं। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हुआ, तो छात्रों को राहत मिलेगी, लेकिन प्रशासनिक पारदर्शिता और प्रक्रिया की वैधता पर सवाल उठना तय है। अंतिम निर्णय अब INC और राज्य सरकार के हाथ में है।

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