छत्तीसगढ़ विधानसभा ने रचे कई कीर्तिमान: सीएम विष्णु देव साय बोले; 2047 तक विकसित राज्य की मजबूत नींव तैयार

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह भवन केवल ईंट-पत्थर का ढांचा नहीं, बल्कि तीन करोड़ लोगों की उम्मीदों का मंदिर है। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों की संसदीय यात्रा ने छत्तीसगढ़ की मजबूत नींव रखी है और वर्ष 2047 तक विकसित राज्य की दिशा में यही आधार महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विधानसभा ने जनकल्याण और अंत्योदय की कई मिसालें पेश की हैं। यहां बने कानूनों ने सामाजिक सुधार, ग्रामीण विकास, महिला सशक्तीकरण और आर्थिक उन्नति को गति दी है। उन्होंने याद किया कि पहला सत्र राजकुमार कॉलेज के जशपुर हॉल में हुआ था, जिसके बाद वर्तमान भवन ने अनेक ऐतिहासिक क्षणों को देखा—पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से लेकर वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु तक कई गणमान्य यहां प्रेरक संबोधन दे चुके हैं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की 25 वर्ष की यात्रा संघर्ष, जनभागीदारी और विकास की कहानी है। स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने राज्य का निर्माण कर जनजातीय मंत्रालय और पीएम ग्राम सड़क योजना जैसी पहलों से छत्तीसगढ़ को असाधारण बढ़त दी। वहीं खाद्य सुरक्षा और धान खरीदी मॉडल ने प्रदेश को राष्ट्रीय पहचान दिलाई।
साय ने बताया कि इसी विधानसभा से कई निर्णायक विधेयक पारित हुए—लोक सेवा गारंटी, टोनही प्रताड़ना निवारण, निजी विश्वविद्यालय संशोधन, कृषि उपज मंडी संशोधन सहित कई कानूनों ने जनता की आकांक्षाओं को दिशा दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान आज उम्मीद से भरे हैं। राज्य सरकार ने धान खरीदी को 3100 रुपये प्रति क्विंटल और 21 क्विंटल प्रति एकड़ तक बढ़ाकर किसानों को ऐतिहासिक राहत दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अब तक 26 लाख से अधिक पीएम आवास स्वीकृत हो चुके हैं। उज्ज्वला योजना और उजाला योजना ने हर घर में रसोई और रोशनी बदली। 25 वर्षों में हर घर बिजली पहुंची और अब पीएम सूर्यघर योजना से उपभोक्ताओं को सस्ती और भविष्य में मुफ्त बिजली की दिशा में बढ़ावा मिला है। राज्य सरकार ने 200 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को हाफ बिजली बिल का लाभ देने की घोषणा की है, जिससे 42 लाख से ज्यादा लोगों को सीधा फायदा होगा।
साय ने बताया कि प्रदेश ने शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में मजबूत पहचान बनाई है। IIT, NIT, IIM, IIIT, NLU, NIFT जैसे राष्ट्रीय संस्थानों ने छत्तीसगढ़ को नई उड़ान दी है। नवा रायपुर स्टेट कैपिटल रीजन के रूप में आईटी, फार्मा और टेक्सटाइल हब बनकर उभर रहा है।
नक्सल चुनौती पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में शांति और विकास की धारा तेजी से बह रही है। सैकड़ों नक्सलियों के आत्मसमर्पण और कई टॉप कैडर की गिरफ्तारी बताती है कि छत्तीसगढ़ नक्सलवाद के अंतिम चरण में पहुंच चुका है। मार्च 2026 तक इसका पूर्ण अंत होने की उम्मीद है।
समापन पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि विशेष सत्र में सत्ता पक्ष के 15 और विपक्ष के 10 सहित कुल 25 सदस्यों ने अपनी बात रखी, जो 25 वर्ष की यात्रा के अनुरूप एक सुखद संयोग है। उन्होंने कहा कि यह सदन कानून ही नहीं, बल्कि बेहतर भविष्य गढ़ने का कार्य करता है। शीतकालीन सत्र 14 से 17 दिसंबर तक आयोजित होगा।





