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राष्ट्रपति मुर्मु करेंगी दो नई योजनाओं की शुरुआत: परंपरागत वैद्यों को मिलेगा सम्मान, अखरा देवस्थलों का होगा समग्र विकास

रायपुर। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु 20 नवंबर को छत्तीसगढ़ के दौरे पर आएंगी, जहां वे आदिम जाति विभाग की दो महत्वपूर्ण योजनाओं का शुभारंभ करेंगी। पहली योजना मुख्यमंत्री वैद्यराज सम्मान निधि है, जिसके तहत पीढ़ीगत परंपरा से उपचार करने वाले वैद्यों को हर साल 5000 रुपए की सम्मान राशि सीधे डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी। ऐसे 50 पारंपरिक वैद्यों को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है, जिनमें से 5 से 10 को राष्ट्रपति स्वयं सम्मानित करेंगी।

इस योजना का चयन तीन चरणों में होगा—पहले ग्राम सभा वैद्य को प्रमाणित करेगी, फिर जिला स्तरीय समिति उनका परीक्षण करेगी और अंत में विभाग द्वारा नाम सूची में शामिल किया जाएगा। पादप औषधि बोर्ड और आयुर्वेद विभाग में पंजीकृत वैद्य भी इस सम्मान के पात्र होंगे। विभाग का अनुमान है कि प्रदेश में करीब 20 हजार परंपरागत वैद्य हैं, जिनमें से 10 हजार की सूची तैयार हो चुकी है। कैबिनेट में पहले इसका नाम बैगा–गुनिया–हड़जोड़ सम्मान योजना रखने का प्रस्ताव आया था, लेकिन आपत्तियों के बाद नाम बदलने की प्रक्रिया जारी है।

दूसरी योजना मुख्यमंत्री जनजातीय ग्राम अखरा विकास योजना है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ के उत्तरी क्षेत्रों में प्रचलित अखरा परंपरा को संरक्षण दिया जाएगा। अखरा देवस्थलों के विकास पर 5 से 20 लाख रुपए तक खर्च किए जाएंगे। योजना के अंतर्गत इन स्थलों पर जल–प्रकाश व्यवस्था, बैठने के लिए चबूतरे, तथा अतिक्रमण रोकने के लिए फेंसिंग की व्यवस्था की जाएगी। यह राज्य में देवगुड़ी योजना के बाद पारंपरिक स्थलों के संरक्षण की दूसरी बड़ी पहल मानी जा रही है।

इसी बीच, 19 नवंबर को प्रदेश स्तरीय उत्तर क्षेत्र जनजातीय लोक नृत्य महोत्सव आयोजित होगा। इसमें विजेता समूह को 2 लाख रुपए का पुरस्कार राष्ट्रपति मुर्मु के हाथों दिया जाएगा, जबकि द्वितीय और तृतीय स्थान को क्रमशः 1 लाख और 50 हजार रुपए मिलेंगे।

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