रायपुर में SIR प्रक्रिया में सुस्ती: 18.92 लाख वोटरों में से केवल 4 लाख तक ही पहुंचे फार्म

रायपुर। आगामी जनगणना से पहले चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया में राजधानी रायपुर में रफ्तार धीमी पड़ गई है। निर्वाचन आयोग द्वारा तय की गई समय-सीमा के अनुसार यह कार्य 4 दिसंबर 2025 तक पूरा किया जाना है, लेकिन अब तक केवल 21.42% फार्म ही वितरित हो सके हैं। जिले के कुल 18 लाख 92 हजार 523 मतदाताओं में से मात्र लगभग 4 लाख तक ही फार्म पहुँच पाए हैं।
बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) के अनुसार सबसे बड़ी चुनौती लोगों के घर तक पहुँचने की है। 2003 के मतदाता सूची के आधार पर किया जा रहा मिलान अब कठिन हो गया है क्योंकि उस समय के कई मतदाता नए वार्डों या इलाकों में शिफ्ट हो चुके हैं। शहरी क्षेत्रों में पते बदलने, मकानों के पुनर्निर्माण और नंबरिंग की गड़बड़ियों के कारण बीएलओ को नागरिकों को ढूंढने में काफी समय लग रहा है।
धरसींवा विधानसभा क्षेत्र में अब तक सबसे अधिक 35.16% फार्म वितरित हुए हैं, जबकि रायपुर उत्तर में यह आंकड़ा केवल 9.28% है। ग्रामीण इलाकों में वितरण शहरी क्षेत्रों की तुलना में बेहतर रहा है। बीएलओ नीलकंठ ने बताया कि एक घर का सर्वे पूरा करने में 25 से 30 मिनट तक लग रहे हैं, क्योंकि लगभग 90% प्रपत्र उन्हें स्वयं भरने पड़ रहे हैं।
बीएलओके अनुसार, कई मतदाता मूल रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार के निवासी हैं, जिनका नामांकन पहले वहीं हुआ था। अब तकनीकी दिक्कतों के कारण उन राज्यों की वोटर लिस्ट बीएलओ ऐप पर नहीं खुल रही, जिससे रिकॉर्ड का मिलान असंभव हो गया है। जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार जिले में 1813 बीएलओ लगाए गए हैं, और लक्ष्य समय-सीमा के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि, बीएलओ की जमीनी चुनौतियाँ यह संकेत दे रही हैं कि आने वाले दिनों में प्रशासन को अतिरिक्त प्रयास करने होंगे।





